Lok sabha election 2024 Samajwadi Party new strategy to compete with BJP

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala

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पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) सरकार का नारा बुलंद करने वाली सपा अगड़ों को भी जोड़ने की मुहिम शुरू करने जा रही है। समाजवादियों की रणनीति है कि पीडीए को उनके अधिकार दिलाएंगे, पर किसी का भी साथ लेने से कोई परहेज नहीं है। यही वजह है कि क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और कायस्थ समाज के बीच पैठ बढ़ाने की योजना पर भी पार्टी काम कर रही है। 

पहले चरण में जगह-जगह क्षत्रिय सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर लड़ा था। तब सपा ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि देश के 10 फीसदी सामान्य वर्ग के समृद्ध लोग 60 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति पर काबिज हैं। 

लेकिन, चुनाव में महागठबंधन को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। इसलिए इस बार सपा का पीडीए पर फोकस तो है, पर सामान्य जातियों को साथ लेते हुए आगे बढ़ने की योजना है।

सपा नेतृत्व के साथ अनौपचारिक बातचीत में कुछ क्षत्रिय नेताओं ने पार्टी के साथ जुड़कर काम करने की इच्छा जताई थी तो अब सपा ने भी इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। क्षत्रिय समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह को दी गई है। 

 



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