भारतीय वायुसेना किसी भी दुर्गम इलाके में पैराशूट के जरिए 16 टन वजन के हथियार और अन्य सामग्री आसमान से जमीन पर उतार सकती है। आगरा की प्रतिष्ठित रक्षा लैब एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टेब्लिशमेंट (एडीआरडीई) ने भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से 16 टन वजनी प्लेटफार्म उतारा, जो 24 फुट लंबा और 8 फुट चौड़ा है। खास पहलू ये है कि यह पूरा पैराशूट सिस्टम और प्लेटफार्म स्वदेशी है।

भारतीय वायुसेना की पश्चिमी कमान ने सोशल साइट एक्स पर मलपुरा ड्रॉपिंग जोन पर बृहस्पतिवार को हुए ट्रायल की तस्वीरें साझा की हैं। इसमें बताया गया है कि पहली बार सफलतापूर्वक 16 टन वजन के प्लेटफार्म को वायुसेना के विमान से जमीन पर उतारा गया है। इसमें आगरा की एडीआरडीई लैब ने स्वदेशी पैराशूट सिस्टम का उपयोग किया है। पांच पैराशूट के सिस्टम से किसी भी दुर्गम इलाके में अब ज्यादा वजन वाले हथियार और रक्षा उपकरणों को सेना उतार सकेगी।




एयरफोर्स के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में किए गए परीक्षण को तीन चरणों में किया गया। पहले चरण में सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के बाहर लोड की जांच की गई। दूसरे चरण में लोडिंग की जांच कर 16 टन वजनी प्लेटफार्म को ग्लोबमास्टर विमान पर चढ़ाया गया।


तीसरे चरण में प्लेटफार्म को विमान से पिछले हिस्से के दरवाजे को खोलकर गिराया गया। पांच पैराशूट के सिस्टम के खुलने के साथ ही ड्रॉपिंग जोन में प्लेटफार्म सफलतापूर्वक नीचे उतर आया। 


भारतीय रक्षा तैयारियों के लिहाज से यह बड़ा कदम है। इससे भारी रक्षा उपकरणों को पहुंचाने के साथ वायुसेना की क्षमताओं में इजाफा हुआ है। 


इससे पहले सात टन वजन तक के सामान को ही उतारने की क्षमता थी, जिसे 16 टन तक करने में सफलता मिली है।




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