मथुरा में तीर्थयात्रियों को जाम से बचाने के लिए कोसी-नंदगांव-बरसाना-गोवर्धन-सौंख मथुरा कॉरिडोर और मथुरा राया-यमुना एक्सप्रेसवे लिंक के साथ चार लेन की सड़क के निर्माण में बाधा बन रहे 2777 पेड़ काटने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट से की गई है। सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी) के सामने लोक निर्माण विभाग मथुरा ने 9563 पेड़ों को काटने के लिए आवेदन किया था, लेकिन सीईसी ने अलाइनमेंट बदलने के साथ गैरजरूरी चौड़ाई हटाते हुए 2777 पेड़ों की कटाई को ही जरूरी माना है। 

कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में अनुमति से पहले कठोर शर्तें लगाने की सिफारिश की गई है। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी के चेयरमैन सिद्धांत दास की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से 86.913 किमी लंबी सड़क के निर्माण को जरूरी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय निवासियों के साथ-साथ भक्तों और पर्यटकों की निरंतर तीर्थयात्रा के कारण सड़क चौड़ीकरण आवश्यक है। 

कोसी-नंदगांव-बरसाना-गोवर्धन-सौंख मथुरा कॉरिडोर फिलहाल 10 मीटर चौड़ा है, इसे 21 मीटर चौड़ा करने का प्रस्ताव है। पीडब्ल्यूडी ने पहले 9563 पेड़ों को काटने के लिए सीईसी में आवेदन किया था, लेकिन मौके का दो बार निरीक्षण करने के बाद कमेटी ने 2777 पेड़ ही काटने के लिए उपयुक्त पाए। बीच में डिवाइडर की चौड़ाई कम करने को कहा गया है। इस वजह से सड़क चौड़ीकरण में संरक्षित वन भूमि 31.3796 हेक्टेयर की जगह केवल 16.2135 हेक्टेयर ही उपयोग में आएगी।

सीईसी ने पेड़ काटने के लिए यह रखीं है शर्तें

– पीडब्ल्यूडी को 16.2135 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि के परिवर्तन के लिए केंद्र सरकार से अनुमोदन लेना होगा

– काटे जाने वाले 2777 पेड़ों की जगह देसी प्रजातियों के 27,770 पौधे (प्रत्येक 8-10 फीट ऊंचा) लगाए जाएंगे

– जहां 27770 पेड़ लगाए जाएंगे, उस 28 हेक्टेयर क्षेत्र को राज्य सरकार 6 माह में संरक्षित वन अधिसूचित करे

– पौधारोपण वाली जमीन पर चेन-लिंक बाड़ लगानी होगी। 10 साल तक आवेदक को रखरखाव करना होगा।

– सड़क चौड़ीकरण के बाद खाली स्थानों पर पीपल, नीम, पाकड़, जामुन आदि ब्रज के देसी पौधे लगाए जाएंगे

– अनुमति के अतिरिक्त यदि कोई वृक्ष काटा गया तो आवेदक पर प्रति वृक्ष 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगेगा

 



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