आगरा के थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र स्थित कालिंदी विहार के महादेव हॉस्पिटल में डिलीवरी के बाद 28 वर्षीय प्रसूता की मौत से आक्रोश फैल गया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर करीब दो घंटे तक हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर स्थिति शांत कराई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
थाना खंदौली क्षेत्र के वमन गांव निवासी जितेंद्र की शादी आठ वर्ष पहले एटा निवासी डाैली से हुई थी। दंपती की दो बेटियां प्रिया (6) और रिया (3) हैं। वह ट्रांसपोर्ट में नौकरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मंगलवार दोपहर करीब दो बजे डिलीवरी के लिए डाैली को कालिंदी विहार स्थित महादेव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। शाम करीब सात बजे ऑपरेशन के जरिए महिला ने बेटे को जन्म दिया।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से नस कट गई, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा। रक्तस्राव पर काबू पाने के लिए आठ यूनिट खून चढ़ाया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। देर रात करीब दो बजे गंभीर हालत में प्रसूता को जबरन सिकंदरा स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहीं नवजात को शाहदरा स्थित अस्पताल में मशीन पर रखा गया।
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे प्रसूता की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए करीब दो घंटे तक जमकर हंगामा किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
आंख खोलने से पहले मासूम से छीना मां का साया
डिलीवरी के कुछ ही घंटों बाद प्रसूता की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जिस बेटे के जन्म पर घर में खुशियां आने वाली थीं, वह मां की ममता से वंचित हो गया। नवजात को हालत गंभीर होने पर अस्पताल में मशीन पर रखा गया है। मासूम ने अभी दुनिया को ठीक से देखा भी नहीं था कि उससे मां का साया हमेशा के लिए छिन गया।
