
कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी मुफ्त में एसी
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बिजली विभाग के कई इंजीनियर कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी मुफ्त में एसी चलाते हैं। उनकी यह कारगुजारी अब पूरे विभाग के लिए भारी पड़ने जा रही है। इसका खुलासा होने के बाद नियामक आयोग ने नवंबर तक कनेक्शन संख्या, लोड और भुगतान का ब्योरा मांगा है।
इस आदेश के बाद पावर कॉर्पोरेशन विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स के घरों में मीटर लगाने को लेकर सक्रिय हो गया है। ऊर्जा विभाग में कार्यरत करीब एक लाख कर्मचारियों, इंजीनियरों और पेंशनर्स के यहां बिजली मीटर नहीं है। उनके वेतन से न्यूनतम बिजली बिल की कटौती होती है। इसमें एक एसी का करीब 600 रुपये प्रतिमाह जमा होता है।
ज्यादातर इंजीनियरों और कर्मचारियों ने सिर्फ एक से दो एसी लगाने की घोषणा की है। जबकि उनके घरों में 8 से 10 एसी लगे हुए हैं। विभागीय सर्वे में भी इसकी पुष्टि हुई। सर्वे में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में कई इंजीनियरों के घरों में 12 से 15 एसी लगे होने का पता चला। कुछ के घरों में व्यवसायिक गतिविधियां चलती मिलीं लेकिन कनेक्शन नहीं मिला।
सूत्रों का कहना है कि नियामक आयोग में टैरिफ पर सार्वजनिक सुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके पड़ोसी बिजली इंजीनियर ने कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों के लिए भी एसी लगा रखी है। जबकि उनके यहां मीटर नहीं लगा है। कुछ ने इंजीनियरों के घर में मनमानी तरीके से एसी लगे होने की तस्वीर भी सौंपी।