उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी तकनीक के करीब 11.32 लाख मीटरों को बदला जाएगा। इनके स्थान पर रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।

प्रदेश में वर्ष 2018 में ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया था। यह परियोजना 8 वर्ष के लिए थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी। शुरुआत से ही इन मीटरों को लेकर सवाल उठते रहे।

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तकनीकी विकास के साथ इन मीटरों को 4जी करने की मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब पॉवर कॉर्पोरेशन ने निर्णय लिया है कि ईईएसएल की ओर से लगाए गए सभी 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 1132506 सक्रिय मीटरों को बदला जाएगा। इनको आरडीएसएस परियोजना के तहत मार्च 2027 तक नए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदला जाएगा।

करोड़ों का भुगतान नतीजा सिफर : वर्मा

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 2जी तकनीक के मीटर जिस वक्त लग रहे थे उसी समय विरोध हुआ था। विद्युत नियामक आयोग ने भी इन्हें 4जी में बदलने का निर्देश दिया था। वर्तमान में इंटेली स्मार्ट कंपनी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। इसी कंपनी की पैतृक कंपनी ईईएसएल है।

अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अचानक 1.58 लाख स्मार्ट मीटर बंद हो गए थे। तब एसटीएफ जांच भी हुई, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्मा ने कहा कि पहले से लगे मीटरों पर निगम ने प्रतिवर्ष 137 करोड़ का भुगतान किया है। सात वर्षों में यह राशि बढ़कर लगभग 959 करोड़ हो गई। ऐसे में पूरी परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।



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