अभिषेक गुप्ता, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish

Updated Wed, 19 Nov 2025 10:27 AM IST

नियमों में संशोधन होने से संपत्ति मालिकों को राहत मिलेगी। वहीं, वसूली पर भी लगाम लगेगी। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल का कहना है कि इससे मुकदमों की संख्या भी घटेगी।


UP: Post-registration land verification will now be done in three months instead of four years

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala



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जमीन और संपत्ति का भौतिक सत्यापन अब रजिस्ट्री होने के तीन महीने के भीतर होगा। अभी तक पंजीयन के बाद चार साल तक भौतिक सत्यापन का नियम था। स्टांप एवं पंजीयन विभाग की ओर से नियम में किए गए इस संशोधन से भौतिक सत्यापन के नाम पर होने वाले उत्पीड़न पर रोक लगेगी। इस संबंध में महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा की ओर से सभी उपनिबंधकों को निर्देश जारी किए गए हैं।

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चार साल तक स्थलीय सत्यापन के नियम से इस अवधि में अगर जमीन में कुछ बदलाव होता है तो स्टांप चोरी का वाद दायर कर दिया जाता है। इसकी आड़ में आम लोगों से वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चार वर्ष तक सत्यापन की लंबी अवधि के दौरान अधिकांश मामलों में देखा गया कि जिस संपत्ति की प्रकृति में बदलाव आ जाता है।

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मसलन भूखंड की रजिस्ट्री के दौरान भूमि खाली हो और लंबे समय के बाद सत्यापन के दौरान इसमें निर्माण मिलने पर जांच अधिकारी रजिस्ट्री के समय की स्थिति के आधार पर रिपोर्ट देते हैं और स्टांप चोरी का वाद दाखिल किया जाता है। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए नियम में बदलाव किया गया है।



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