यूपी में नब्बे के दशक में लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और डी-2 गैंग के लिए सेफ जोन रहे रायबरेली जिले में बने जाली जन्म प्रमाणपत्रों का देशभर में दुरुपयोग हुआ है। अब तक 250 से अधिक ऐसे मामले पकड़ में आए हैं। मुंबई के कांदीवली पुलिस की जांच में आमिर अली के पासपोर्ट में लगे पिता अली हसन शेख व मां मुमताज शेख के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र सलोन विकास खंड से बने थे। इसी तरह बेंगलुरु पुलिस ने बांग्लादेशी जाकिर को जाली जन्म प्रमाणपत्र के साथ पकड़ा था। घुसपैठिया जाकिर ने सलोन से जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर नागरिकता लेने का प्रयास किया।

कौशांबी जिले के चायल ब्लॉक के शेखपुर रसूलपुर की वंदना के आधार में संशोधन कराने के लिए सलोन के पाल्हीपुर से बने जाली जन्म प्रमाणपत्र को लगाया। जांच के बाद आवेदन को निरस्त कर दिया गया। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने यूपी में ऐसे 50 से अधिक संदिग्ध मामले पकड़े, जिसमें जन्म प्रमाणपत्रों के जाली होने की आशंका है। 

200 से अधिक जाली आधार कार्ड बरामद किए गए

जांच में चंदौली जिले के अभिषेक और सत्यम के जाली प्रमाणपत्रों को नुरुद्दीनपुर और पृथ्वीपुर गांवों से बनवाए जाने की पुष्टि हुई थी। पिछले माह डीह थाने की पुलिस ने रोखा बाजार में अंजली मोबाइल शॉप के संचालक अरविंद व गोपालपुर में शत्रुघ्न को पकड़ा था। शातिरों के पास से 200 से अधिक जाली आधार कार्ड बरामद किए गए। 

इन आधारों को बनाने में जन्म प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग किया गया था। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण मामले की जांच कर रही है। जगतपुर जनसेवा केंद्र के संचालक ने बछरावां के शेषपुर समोधा की हेमा का जाली जन्म प्रमाणपत्र बनाया। आधार बनवाने के प्रयास में यह सच सामने आया।

1992 में आतंकी टुंडा व बिलाल रायबरेली आया था

वर्ष 1992 में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा रायबरेली आया था। हिजबुल मुजाहिद्दीन का एरिया कमांडर बिलाल अहमद भी रायबरेली के खिन्नी तल्ला में शरण ले चुका था। जिले की खुफिया एजेंसी इस दौरान इन दोनों को नहीं ढूंढ़ सकी। उनके जाने के बाद ही पुलिस को भनक लगी थी। अब सलोन में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों सुरक्षित ठिकाना देने के प्रयास में जाली जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए।



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