पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनने वाली मस्जिद के लिए पत्थर व ईंट रखी। इसको लेकर रामनगरी के संत-धर्माचार्यों में गहरा आक्रोश है। संतों ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों का अपमान करने का काम हुमायूं कबीर ने किया है। बाबर एक आंक्रांता, लुटेरा था, उसके नाम से इस्लामिक स्ट्रक्चर स्थापित करना गलत है।

बाबरी मस्जिद केस के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी इसे राजीनीति बताया है। उन्होंने कहा कि आज राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद पर कोई झगड़ा नहीं है। कोर्ट ने जो फैसला लिया, उसका देश भर के मुसलमानों ने सम्मान किया। बंगाल में टीएमसी नेताओं को चुनाव से पहले बाबर के नाम पर बनी मस्जिद की याद आ गई। चुनाव अभी शुरू नहीं हुए हैं, लेकिन मंदिर-मस्जिद की राजनीति शुरू हो गई है। हमारा मानना है कि बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए, क्योंकि बाबर कोई मसीहा नहीं था।

देश का माहौल खराब करने की कोशिश- महंत विवेक आचारी

वहीं, दंतधावन कुंड पीठाधीश्वर महंत विवेक आचारी ने कहा कि इस देश में अब बाबर के नाम पर किसी तरह का निर्माण नहीं होना चाहिए। देश तरक्की के रास्ते पर है, सनातन संस्कृति का पूरा विश्व में डंका बज रहा है। ऐसे समय में हुमायूं कबीर का यह कुत्सित प्रयास देश का माहौल खराब करने की कोशिश है।

यह कृत्य करना दुर्भाग्यपूर्ण है- जगद्गुरु परमहंसाचार्य

जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि धर्म और राष्ट्र के विरोध में किसी भी तरह के कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाबर के नाम पर निर्माण करना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसा कृत्य करने वालों को संत समाज करारा जवाब देने के लिए तैयार है। हुमायूं कबीर को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजूदास ने कहा कि एक विधायक के द्वारा यह कृत्य करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के हिंदुओं को यह सोचना पड़ेगा नहीं तो देश हाथ से निकल जाएगा।





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