UP Assembly Winter Session 2023: UP Vidhan Mandal Winter Session Supplementary Budget Updates in Hindi

यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : अमर उजाला

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विधानसभा में कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि इसमें किसानों को राहत देने का इंतजाम नहीं किया गया है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को लेकर किये गए वादों को भी पूरा नहीं किया। उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब अन्य राज्यों ने इसे लागू कर दिया है, तो यूपी में आखिर क्या समस्या आ रही है।

कांग्रेस सदस्य ने बढ़ती महंगाई के दृष्टिगत विधायकों का भत्ता बढ़ाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सदस्य को उसके क्षेत्र में 10-10 किमी की सड़क और सौ-सौ हैंडपंप भी मिलने चाहिए। उन्होंने विधायक निधि पर जीएसटी का मुद्दा भी उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ये विषय अनुपूरक बजट से संबंधित नहीं हैं। किसानों को बिजली के बिल में राहत देने के लिए सरकार ने 900 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार बदायूं, गोरखपुर, बहराइच, बाराबंकी में बायो गैस प्लांट भी लगवा रही है।

सपा के लिए परिवारवाद ही पुख्ता राजनीतिज्ञ होने की परिभाषा : एके शर्मा

विधानसभा में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सपा सदस्यों द्वारा लगाए गये आरोपों पर पलटवार किया, जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मैं गांव से संघर्ष करके यहां तक आया हूं। मुझे राजनीति में कच्चा बताने वाले परिवारवाद को ही पुख्ता राजनीतिज्ञ की परिभाषा मानते हैं। उन्होंने बजट में किसानों को लेकर हुई घोषणाओं की जानकारी भी दी।

ऊर्जा मंत्री ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि मैंने यूपीएससी की परीक्षा को उत्तीर्ण किया है। आप संघर्ष करके नहीं आए हैं। जबकि आपके समय में किसको पास करना है, इसे चिन्हित कर दिया जाता था। हाईकोर्ट ने यूपीपीएससी के अध्यक्ष को इसी वजह से बर्खास्त किया था। पीएम मोदी और सीएम योगी ने परिवारवाद को खत्म करने का बीड़ा उठा लिया है। इस पर सपा सदस्य लालजी वर्मा ने कहा कि हम जनता के द्वारा चुनकर आए हैं, जबकि आप कृपा की वजह से आए हैं। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट पर चर्चा के नियमों के मुताबिक इसे केवल संबंधित मुद्दों पर ही सीमित रहना चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अगर कोई दो-चार बात कह देता है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमने तो कभी किसी सदस्य को बोलने से नहीं रोका।

विधान परिषद में केजीएमयू शिक्षक भर्ती को लेकर हंगामा

केजीएमयू में हो रहे शिक्षक भर्ती के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को भी हंगामा हुआ। विधान परिषद में मौजूद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

दरअसल केजीएमयू में शिक्षकों की भर्ती हो रही है। आरोप है कि 12 जुलाई को जारी सामान्य विज्ञापन में आरक्षण नियमों के उलंघन करते हुए ओबीसी को 27 की जगह 12 फीसदी और एससी को 21 की जगह नौ फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर बुधवार को सपा एमएलसी नरेश उत्तम पटेल ने विधान परिषद में चर्चा की मांग की। जवाब से असंतुष्ठ होने पर सदन से बहिर्गमन किया। बृहस्पतिवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एक सवाल के जवाब में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की खाली सीटों और भर्ती के मामले में जानकारी दे रहे हैं। इस पर सपा एमएलसी नरेश उत्तम पटेल ने फिर केजीएमयू का मामला उठा दिया। 

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू मामले में राज्यपाल के आदेश पर जांच शुरू हो गई है। जांच रिपोर्ट के बाद ही भर्ती होगी। इस दौरान एमएलसी मान सिंह यादव ने केजीएमयू, एसजीपीजाई, कैंसर संस्थान, लोहिया संस्थान आदि में शिक्षकों की भर्ती बैकलॉग और टैब टेक्नीशियनों का मुद्दा उठाया। इसी तरह एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि केजीएमयू के विभिन्न विभागों एवं कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विज्ञापित पदों के सापेक्ष भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी। इसी तरह लोहिया संस्थान में भी नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने की कार्यवाही चल रही है।

निवेश पर श्वेत पत्र लाए सरकार

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए निवेश करार का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रश्नकाल में सरकार से सवाल किया कि सम्मेलन में कितने के निवेश करार हुए, कितना निवेश हुआ, कितनी कंपनियां स्थापित हुई और कितने लोगों को रोजगार मिला इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। मोना ने सरकार से सम्मेलन में हुए खर्च का ब्योरा देने की भी मांग रखी। औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि सम्मेलन और उसके बाद तक 26 हजार निवेश करार हुए हैं। यूपी देश-विदेश के उद्यमियों के निवेश का पसंदीदा गंतव्य बना है।

गुंडा एक्ट पर राज्यपाल का पत्र सदन में रखा जाए

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधाना मिश्रा मोना ने विधानसभा में उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक-2021 पर राज्यपाल का पत्र सदन में रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि नियमावली के अनुसार राज्यपाल का पत्र सदन में रखना चाहिए। लेकिन सरकार ने राज्यपाल का पत्र सदन में नहीं रखा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि राज्यपाल का पत्र सभी विधायकों को मई 2023 में ही डाक से भेजा गया है।

बजट में अन्य धर्मों की हुई उपेक्षा : पल्लवी

विधानसभा में सपा सदस्य पल्लवी पटेल ने कहा कि अनुपूरक बजट में अन्य धर्मों की उपेक्षा की गयी है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा की नजरों में यूपी केवल हिंदुओं का प्रदेश है।

उन्होंने कहा कि बजट में जैन, सिख, बौद्ध आदि समुदायों को क्या दिया गया। नाथ समुदाय को भी कुछ नहीं मिला। गरीबों और पिछड़ों को भी दरकिनार किया गया। मैं जातिवार जनगणना के लिए निजी विधेयक लेकर आई हूं, जबकि यह आपको लाना चाहिए था। इनकी नुमाइंदगी करने वाले आपके सदस्य पंगु हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि चर्चा अनुपूरक बजट पर सीमित रहनी चाहिए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैंने सचेतकों को सुबह ही बता दिया था कि अनुपूरक में विस्तार से चर्चा नहीं होती है।



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