इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) विज्ञान की भर्ती मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इसके अनुसार अब विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के लिए अलग-अलग शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। कोर्ट ने यह निर्णय उस समय दिया, जब राज्य सरकार ने हाल ही में नई अधिसूचना जारी कर दोनों विषयों को पृथक श्रेणियों में विभाजित कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने प्रयागराज निवासी हेमंत कुमार, राज बहादुर सिंह, विवेक कुमार व अब्दुल कादिर अंसारी की याचिका पर दिया है। हेमंत कुमार व चार अन्य ने याचिका दायर कर मांग की थी कि जीव विज्ञान विषय से स्नातक अभ्यर्थियों को भी टीजीटी (विज्ञान) पद के लिए योग्य माना जाए। पूर्व में जारी 22 अप्रैल 2024 के विज्ञापन में विज्ञान विषय की योग्यता केवल भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान निर्धारित की गई थी। इसके चलते जीव विज्ञान स्नातक उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे थे।

याचियों ने जीव विज्ञान को भी टीजीटी विज्ञान के लिए अर्ह योग्यता घोषित करने की मांग रखी। याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने एक शॉर्ट काउंटर एफिडेविट दाखिल कर नौ नवंबर 2025 को जारी नई अधिसूचना प्रस्तुत की। इसमें स्पष्ट किया गया है कि विज्ञान और जीव विज्ञान दो पृथक विषय माने जाएंगे। इनके लिए अलग-अलग टीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

नई अधिसूचना के अनुसार टीजीटी विज्ञान सहायक अध्यापक के लिए स्नातक में विषय के रूप में भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान अनिवार्य है। साथ ही टीजीटी जीव विज्ञान सहायक अध्यापक के लिए स्नातक में जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान अनिवार्य है। साथ ही दोनों श्रेणियों के लिए बीएड की उपाधि आवश्यक है। साथ ही यह भी कहा गया है कि विद्यालयों में विज्ञान पढ़ाने के लिए विज्ञान और जीव विज्ञान दोनों श्रेणी के अध्यापकों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद याचिका निस्तारित कर दी। साथ ही कहा, सरकार को इस नए अधिसूचना के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को यथा शीघ्र पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए, बशर्ते इसमें कोई कानूनी बाधा न हो।

कोर्ट ने जीव विज्ञान व विज्ञान विषय के लिए अलग-अलग भर्ती निकालने का आदेश दिया है, लेकिन दोनों में बराबर भर्ती निकालने का आदेश नहीं दिया है। ऐसे में विभाग जीवन विज्ञान में कम पदों पर भर्ती निकाल सकता है। इसे लेकर हम लोग को चिंतित हैं। – -टीजीटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव



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