
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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अपहरण के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी को न्यायालय ने अपहृत किशोरी को शुक्रवार को दोपहर दो बजे कोर्ट में पेश करने का आदेश दे दिया है। मामला आजमगढ़ जिले के मेहनगर थाने का है। मां ने बेटी की बरामदगी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी उच्च न्यायालय में दाखिल कर रखी है। मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति विपिन चन्द्र दीक्षित की खण्डपीठ कर रही है।
एक ओर 11 अप्रैल से पीडि़ता की मां अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद दर-दर भटक रही है। दूसरी तरफ किशोरी के प्रेमी ने अपहरण के आरोप मे दर्ज एफआईआर को रद्द कराने और गिरफ्तारी पर स्टे लेने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान नाबालिग की मां की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि किशोरी 11 अप्रैल से गायब है, परिजन दर दर तलाश में भटक रहे है और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
बेटी के न मिलने और पुलिस अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से तंग मां ने बेटी की बरामदगी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की है, जो लंबित है। इस जानकारी पर गंभीर हुए कोर्ट ने याची को किशोरी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई खंडपीठ शुक्रवार को दोपहर दो बजे मां की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के साथ करेगी।