सदन अब कम दिनों के लिए चलता है। कम से कम 45 बैठकें होनी चाहिए, पर अब सिर्फ चार-चार दिन के लिए सदन चलाया जा रहा है। उसमें भी मुख्यमंत्री ढाई घंटे तक भाषण देते हैं। वह भी रटा-रटाया, जो आठ साल पहले भाषण वही अभी भी दिया।



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