
स्वामी प्रसाद मौर्य।
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अपने बयानों के जरिये अक्सर विवाद में रहने वाले सपा महासचिव और बसपा व भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि समाजवादी पार्टी में एक वर्ग विशेष के नेता ही उनका विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि वह कभी भी विचारधारा से समझौता नहीं करते हैं। यही कारण है कि योगी-1 सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी न तो कभी अयोध्या के दीपोत्सव में गए और न ही प्रयागराज में हुई कैबिनेट में हिस्सा लिया। वह खुद को सनातन धर्म का पक्का अनुयायी भी मानते हैं। यहां प्रस्तुत है विधान परिषद सत्र के दौरान कुछ समय निकालकर अजीत बिसारिया से हुई लंबी बातचीत के मुख्य अंश-
क्या विवादों में बना रहना राजनीति सक्रियता के लिए जरूरी मानते हैं?
मैं पाखंड, अंधविश्वास, छुआछूत, अन्याय और भेदभाव के खिलाफ हूं। सदियों से सताई जा रही जातियों की आवाज हूं। इन मुद्दों पर बोलना अगर कुछ लोगों को विवादित विषय लगता है तो मैं क्या कर सकता हूं। अपने जीवन रहते न तो इन मुद्दों पर बोलने से मैं रुकूंगा और न थकूंगा।
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए आपने धार्मिक मुद्दों पर इतने तीखे बयान नहीं दिए?
स्वामी प्रसाद मौर्य कभी भी विचारधारा से समझौता नहीं करता। पांच साल भाजपा की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहा, पर एक बार भी अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल नहीं हुआ। जब कुंभ के समय प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई, तो उसमें भी नहीं गया। धर्म के नाम पर लोगों को ठगने और बरगलाने के खिलाफ लड़ाई लगातार जारी रखूंगा।
सपा के वरिष्ठ नेता ही आप पर अपने बयानों से भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं?
सपा में वर्ग विशेष के लोग ही मेरा विरोध कर रहे हैं। हर जगह मेरा उस वर्ग विशेष की विचारधारा से ही संघर्ष है। टीवी चैनलों पर भी सपा के वही प्रवक्ता मेरा विरोध कर रहे हैं, जो उस वर्ग विशेष की विचारधारा के पोषक हैं।
आप विवादित विषयों पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं?
हमारे संविधान में लिखा है कि लोगों को पाखंड से दूर रखना है और उनमें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है। इसलिए आंडबरों के खिलाफ बोलता हूं। जरा सोचिए! जब भगवान राम कण-कण में सदियों से विद्यमान में है, तो अयोध्या मंदिर में अब उनकी प्राण प्रतिष्ठा का क्या औचित्य है।
क्या आपको अपनी सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं लगता?
हर फोरम पर सुरक्षा मांग चुका हूं। जल्दी ही विधान परिषद सभापति से भी इस संबंध में गुहार लगाऊंगा।
आपको यह आडंबर और पाखंड सिर्फ हिंदू धर्म में ही क्यों दिखता है?
किसी अन्य धर्म ने कभी हमें अपमानित नहीं किया। हिदूं धर्म में रहकर ही छूआछूत और भेदभाव झेला है, तो उसकी गलत मान्यताओं का ही तो विरोध करेंगे।
क्या आप खुद को सनातनी नहीं मानते हैं?
मैं पैदाइशी सनातनी हूं। लेकिन, सनातन धर्म का मतलब दलित व पिछड़ी जातियों के साथ भेदभाव नहीं है। हमें सनातन धर्म और हिंदू धर्म में भेद समझना होगा।
आपकी बेटी व भाजपा सांसद संघमित्रा की शादी को लेकर विवाद उठा है?
बदनाम करने की साजिश है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए कुछ नहीं कहूंगा।