UP: 2000 km road will be repaired in 2024

जर्जर सड़कों का होगा निर्माण।
– फोटो : अमर उजाला

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नए साल में प्रदेश भर में दो हजार किमी. लंबी सड़कें दुरुस्त की जाएंगी। इसके लिए जनवरी के पहले सप्ताह में 3300 करोड़ रुपये के कामों को मंजूरी दी जाएगी। पीडब्ल्यूडी ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिसमें ग्रामीण सड़कों से लेकर स्टेट हाईवे तक शामिल हैं।

धर्मार्थ स्थलों पर पहुंचने में सुगमता के लिहाज से 100 किमी. सड़कें बनाने का फैसला किया गया है। इन पर करीब 550 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। 100 किमी. लंबे राज्यमार्ग और प्रमुख जिला मार्ग (एमडीआर) भी चिह्नित किए गए हैं, जिन पर 550 करोड़ रुपये लागत आएगी। गन्ना किसानों की सुविधा के लिए एक हजार किमी. सड़कों का जाल बिछेगा। जिनके लिए स्वीकृतियां जारी करने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इन पर कुल 550 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों को दुरुस्त करने और नई सड़कें बनाने के लिए भी एस्टीमेट तैयार कराए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में 70 किमी. सड़कें बनेंगी। सड़कों पर चलने की गुणवत्ता (राइडिंग क्वालिटी) सुधारने के लिए भी 45 सड़कें चिह्नित की गई हैं, जिनकी कुल लंबाई 200 किमी. है। इन पर 550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा विशेष मरम्मत के लिए 600 किमी. और सड़कें चुनी गई हैं। इनके लिए 400 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

घने कोहरे में सड़कें बनाने का डाला जा रहा दबाव

 पीडब्ल्यूडी के डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने सड़कों को जल्दी बनाने के लिए अभियंताओं पर अनुचित दबाव बनाने का आरोप लगाया है। संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने कहा कि बरेली मंडल समेत तमाम जिलों में जेई व एई पर इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है। बजट की स्वीकृतियां भी समय से जारी नहीं होती हैं। सिर्फ दो माह में टेंडर प्रक्रिया व बॉन्ड बनाने से लेकर काम पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे खराब मौसम में तारकोल का काम होने से सड़कों की गुणवत्ता बेहद खराब होगी।

संघ ने बरेली के मुख्य अभियंता की ओर से जारी पत्र भी जारी किया है, जिसमें 31 दिसंबर तक विशेष मरम्मत के काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। संघ का कहना है कि कम प्रगति की कार्यवाही से बचने के लिए नियमों के विपरीत जाकर आदेश जारी किए जा रहे हैं। निर्माण खंड औरेया, प्रांतीय खंड सोनभद्र और लखनऊ कैंट में एमबी क्लब के सामने घने कोहरे में सड़कें बनाए जाने पर भी संघ ने सवाल उठाया है। हालांकि, बरेली के मुख्य अभियंता संजय तिवारी का कहना है कि सभी खंडों के एक्सईएन से बात करके ही विशेष मरम्मत के काम 31 दिसंबर तक पूरा करने की तिथि रखी गई थी। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने बताया कि जहां मौसम ठीक है, सिर्फ वहीं काम कराने के निर्देश दिए गए हैं। कोहरे में काम कराए जाने पर गुणवत्ता खराब होगी। अगर ऐसी स्थिति कहीं पाई गई तो जिम्मेदार अभियंताओं पर समुचित कार्रवाई की जाएगी।



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