लगभग 28 वर्ष बाद 1997 बैच के खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की पदोन्नति का रास्ता साफ होता दिख रहा है। बेसिक शिक्षा निदेशालय द्वारा भेजी गई 287 अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में लापरवाही सामने आई है। सूची में मृतक, सेवानिवृत्त और अन्य विभागों में जा चुके खंड शिक्षा अधिकारियों के नाम भी भेज दिए गए थे। ऐसे नामों की संख्या 100 से अधिक पाई गई। शासन ने इस पर आपत्ति जताते हुए 117 अन्य अधिकारियों की संशोधित वरिष्ठता सूची तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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विभागीय सूत्रों के अनुसार, 266 से अधिक खंड शिक्षा अधिकारी पदोन्नत होकर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनने की स्थिति में आ जाएंगे। प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों के कुल 1031 पद सृजित हैं जबकि मौजूदा समय में केवल 883 अधिकारी तैनात हैं। वर्ष 1997 में लगभग 500-550 अधिकारियों की भर्ती की गई थी जिनमें से कई की पदोन्नति वर्षों से लंबित है।पहले इन्हें एबीएसए कहा जाता था। 2011 में शहरों के एबीएसए पद को बदल कर खंड शिक्षा अधिकारी कर दिया गया। शहरों में खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) किया गया।

इनमें से छह अधिकारियों ने वरिष्ठता में शामिल किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी जिससे पदोन्नति की प्रक्रिया लंबित हो गई। अधिकारियों का कहना है कि अब सभी याचिकाकर्ताओं के सेवानिवृत्त होने पर केस वापस ले लिया गया है जिससे पदोन्नति का मार्ग खुल गया है। लगभग तीन दशक से लंबित यह पदोन्नति प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। संशोधित सूची के अनुमोदन के बाद बड़ी संख्या में खंड शिक्षा अधिकारियों के बीएसए बनने का रास्ता साफ होगा जिससे प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा ढांचे में प्रशासनिक मजबूती आएगी। 



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