69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने अभी तक न्याय ना मिल पाने के कारण दिवाली ना मनाने का फैसला लिया है। अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर हीलाहवाली का आरोप लगाया है। साथ ही 28 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में याची लाभ देने की मांग की है।

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल से अभ्यर्थियों का दीपावली का त्यौहार खराब जा रहा है। भर्ती में हुई आरक्षण में गड़बड़ी की वजह से वे नौकरी पाने से वंचित हैं और न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ रहे हैं। हाईकोर्ट सिंगल बेंच और डबल बेंच से जीत हासिल करने के बाद भी हम नौकरी से वंचित हैं।

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सरकार की लचर पैरवी और संवेदनहीनता के कारण सुनवाई नहीं हो पा रही है। मोर्चा के राजन जायसवाल व जगबीर सिंह चौधरी ने कहा कि 28 अक्तूबर को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचियों के पक्ष में याची लाभ का हलफनामा दाखिल करे। ऐसा न करने पर आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थी आंदोलन तेज करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि अब तक सुप्रीम कोर्ट में 14 महीने में 23 से अधिक बार तारीख लग चुकी है। किंतु प्रदेश सरकार आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों को न्याय देने के लिए तत्पर नहीं है।

उन्होंने कहा कि यदि 28 अक्तूबर को सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचियों के पक्ष में हलफनामा प्रस्तुत नहीं करती है तो राजधानी में आंदोलन होगा और विधानसभा का घेराव भी करेंगे। वहीं, जनजागरण अभियान चलाकर हर जिले में घर-घर जाकर सभी को बताएंगे कि प्रदेश सरकार ने आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के साथ किस प्रकार का सौतेला व्यवहार किया है।



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