UP: Ad-hoc teacher spoke to Akhilesh, said - he will get less salary than a peon, refused to take appointment

धरना देते तदर्थ शिक्षक।
– फोटो : अमर उजाला

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 समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने ज्ञापन सौंप कर एडेड माध्यमिक विद्यालयों में सृजित, अनुदानित व खाली पदों के सापेक्ष नियुक्त व दशकों से कार्यरत तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर शोषणकारी मानदेय वाली अस्थायी व्यवस्था में नियुक्ति के विरुद्ध तदर्थ शिक्षकों को न्याय दिलाने की मांग की है।

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ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 1993 से अब तक नियुक्त व कार्यरत 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं 9 नवम्बर 2023 के जारी शासनादेश से समाप्त कर दी गयीं। उन्हें पिछले आठ महीने से न तो काम करने दिया जा रहा है, न ही वेतन दिया जा रहा है।

राज्य सरकार ने हालिया जारी शासनादेश 8 जुलाई में यह माना है कि माध्यमिक शिक्षा में हजारों पद रिक्त हैं और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। विकल्प के रूप में सेवा समाप्त कर ऐसे तदर्थ शिक्षकों को सहायक अध्यक्ष 25,000 और प्रवक्ता को 30,000 के मानदेय पर काम करने के निर्देश दिए हैं। जो बेहद अपमानजनक व शोषणकारी व्यवस्था के रूप में उसी विद्यालय के चपरासी के वेतन से कम है।

एक भी तदर्थ शिक्षक नहीं लेगा मानदेय पर नियुक्ति

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों ने कहा है कि एक भी तदर्थ शिक्षक मानदेय पर नियुक्ति नहीं लेगा। वहीं निदेशालय में चल रहे धरने के दूसरे दिन शुक्रवार को वह भाजपा कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसे लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई और शिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

सेवा से हटाए जाने के बाद से 2200 से अधिक तदर्थ शिक्षक लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच सरकार की ओर से निर्धारित मानदेय पर तैनाती के निर्णय किए जाने से भी उनमें नाराजगी है। इसी के बाद वह नियमित नियुक्ति व पुराना वेतन देने के लिए बृहस्पतिवार से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे हैं। इसी के तहत उन्होंने शुक्रवार को भाजपा कार्यालय जाकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

सिर पर भाजपा की टोपी लगाकर तदर्थ शिक्षक जैसे ही बाहर निकले पुलिस ने उन्हें रोक लिया। हालांकि वह यह कहते रहे कि वह शांतिपूर्ण तरीके से भाजपा कार्यालय पर ज्ञापन देने जा रहे हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया और बस लगाकर ईको गार्डेन ले जाने की तैयारी शुरू कर दी। इसे लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। बाद में पांच सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा कार्यालय गया और नियमित बहाली व पूर्व का वेतन दिए जाने संबंधित ज्ञापन दिया।

वहीं धरने में प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक ही झटके में 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। अधिकारियों ने यह बात मुख्यमंत्री को नहीं बताई कि विद्यालय में 17 हजार पद पहले से ही खाली हैं। यदि 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी और मार्च में लगभग छह हजार और शिक्षक सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में विद्यालय में पढ़ाई होगी कैसे?

उन्होंने कहा कि विद्यालय में कौन पढ़ा रहा है, इसका जवाब अधिकारियों और सरकार के पास नहीं है। कोई भी शिक्षक मानदेय पर नियुक्ति नहीं लेगा। नियमित बहाली और पूर्व के वेतन स्वीकृत होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने में प्रदेश संगठन मंत्री प्रभात त्रिपाठी, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा आदि शामिल थे।



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