UP: After Akash's return to the party, Ashok Siddharth started acting arbitrarily, Mayawati took the decision

मायावती ने लिया फैसला
– फोटो : अमर उजाला।

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बसपा के पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ को हरियाणा और दिल्ली चुनाव में मनमानी करने की वजह से निष्कासित किया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती को उनके खिलाफ बीते छह माह से फीडबैक मिल रहा था। सूत्रों के मुताबिक पंजाब के एक वरिष्ठ नेता ने हरियाणा और दिल्ली चुनाव में अशोक सिद्धार्थ के दखल और मनमाने फैसलों को पार्टी की करारी शिकस्त की वजह करार दिया, जिसके बाद अशोक सिद्धार्थ पर कार्रवाई की गई है।

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पार्टी सूत्रों की मानें तो अपने समधी अशोक सिद्धार्थ को निष्कासित करने के बाद बसपा सुप्रीमो कई अन्य पदाधिकारियों पर भी गाज गिरा सकती हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप ताजने को भी बुधवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं अशोक सिद्धार्थ के बारे में पार्टी में चर्चा है कि वह अपने दामाद आकाश आनंद की पार्टी में दोबारा वापसी के बाद अपने प्रभार वाले राज्यों को छोड़कर चुनावी राज्यों में अति-सक्रियता दिखा रहे थे।

 इन राज्यों के चुनावों में टिकट बंटवारे में उन्होंने हाईकमान को गुमराह किया, जिसकी वजह से पार्टी को किसी भी चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। वहीं दूसरी ओर अशोक सिद्धार्थ के गुट के तमाम नेता बीते कुछ दिनों से पार्टी हाईकमान के फैसलों पर सवाल भी उठा रहे थे। इसकी शुरुआत आकाश आनंद के निष्कासन से हुई थी। तब पार्टी ने ऐसे नेताओं पर सख्ती नहीं बरती थी। दिल्ली चुनाव में हुई मनमानी और पार्टी लाइन से इतर जाकर लिए गए फैसलों के बाद बसपा सुप्रीमो ने सख्त रुख दिखाया है।

गुटबाजी नहीं मंजूर

पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली के करीबियों के बाद अब अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबियों पर कार्रवाई की वजह अंदरूनी गुटबाजी है। पार्टी विरोधी इन गतिविधियों को लेकर बसपा सुप्रीमो को लगातार फीडबैक मिल रहा था, जिसके बाद नेताओं को चेतावनी भी दी गई थी। कोई सुधार नहीं होने पर उन्होंने सख्त कार्रवाई की है। उन्हें शिकायत मिली थी कि ये पदाधिकारी संगठन को मजबूत करने के बजाय अपने हित साध रहे हैं।



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