समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां से मिलने रामपुर पहुंचे। करीब दो घंटे चली मुलाकात में अखिलेश यादव ने आजम खां के स्वास्थ्य की जानकारी ली और कहा कि भाजपा सरकार ने उनके परिवार का उत्पीड़न किया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जेल में आजम खां से नहीं मिल पाया था, इसलिए आज घर आकर उनका हालचाल लेने आया हूं। आजम हमारे सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं। वह पार्टी के लिए एक ऐसे पेड़ की तरह हैं, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं और जिसकी छांव हमेशा हमें सुरक्षा देती रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आजम खां और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अधिकांश मामले झूठे और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि शायद भाजपा सरकार झूठे मुकदमों का गिनीज बुक रिकॉर्ड बनाने जा रही है।
कोई परिवार इतना परेशान नहीं हुआ जितना आजम का हुआ है। उनकी पत्नी, बेटे अब्दुल्ला और करीबियों पर भी झूठे केस लादे गए हैं। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि हम सब एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ, वह भी संदेश देता है कि पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों (पीडीए वर्ग) को लगातार अपमानित किया जा रहा है। मीडिया ने पूछा कि क्या अब दोनों के बीच की दूरी खत्म हो गई है, तो आजम ने मुस्कुराते हुए कहा कि आपको यह खबर कहां से मिली।
अखिलेश यादव ने दोहराया कि समाजवादी पार्टी अपने वरिष्ठ नेता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आजम खां ने मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी के माध्यम से समाज के लिए बहुत काम किया, लेकिन सत्ता में बैठे लोग समाज की अच्छाई को नष्ट करना चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने भरोसा जताया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में राज्य में बदलाव होगा और जनता की आवाज़ फिर उठेगी। यह दोनों नेताओं की मुलाकात जेल से आजम खां की रिहाई के बाद पहली बार हुई।
अखिलेश यादव लखनऊ से बरेली पहुंचे, फिर वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी के हेलीपैड पर उतरे, जहां आजम खां ने स्वयं उनका स्वागत किया। इससे पहले मंगलवार को आजम खां ने कहा था कि अखिलेश यादव मुझसे मिलने आएंगे और मैं केवल उनसे ही मिलूंगा।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के मौजूदा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी से मुलाकात की संभावना से भी इनकार किया था। रामपुर से दस बार के विधायक रह चुके आजम खां पर जमीन कब्जाने और भ्रष्टाचार सहित कई मामले दर्ज हैं। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं।