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आंगनवाड़ी केंद्रों का भी रखा जाएगा रिकॉर्ड।
विस्तार
प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों की भी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाई जाएगी। इसके बाद इन बच्चों के शिक्षा संबंधित सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। उन्हें इसे फिजिकल फार्मेट में लेकर आने-जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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प्रदेश में लगभग 1.88 लाख आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान में चल रहे हैं। इसमें लगभग 43 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्रालय की पहल पर पिछले दिनों कक्षा एक से 12वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्रों की अपार आईडी बनवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी क्रम में अब आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले 43 लाख बच्चों की भी अपार आईडी बनवाई जाए।
एक देश एक यूनिक आईडी के तहत हर छात्र की एक 12 नंबर की यूनिक आईडी बनाई जानी है। यह आधार कार्ड से लिंक होगा और डिजी लॉकर में छात्र का हर शैक्षिक दस्तावेज अपलोड किया जाएगा। छात्र इसे डिजी लॉकर से कभी भी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे अपडेट भी कर सकेंगे। इससे जहां छात्रों का एक जगह पर सभी शैक्षिक रिकॉर्ड होंगे वहीं इन दस्तावेज की ऑनलाइन जांच भी करने में आसानी होगी।
बच्चों के स्कूल बदलने पर भी यह यूनिक आईडी नहीं बदलेगी। हालांकि अपार आईडी बनाने के लिए बच्चों के अभिभावकों की सहमति लेनी जरूरी होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसी के तहत आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की भी अपार आईडी बनवाने की प्रक्रिया शुरू की है। ताकि आगे चलकर इनको किसी तरह की दिक्कत न हो और एक बार आईडी बनने पर बार-बार इस कवायद को नहीं करना पड़ेगा।