UP Assembly: SP member lost his temper while asking questions, Assembly Speaker threw him out of the house

यूपी विधानसभा।
– फोटो : अमर उजाला

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विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से सवाल पूछने के दौरान आपा खोने वाले सपा सदस्य अनिल प्रधान को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन से बाहर कर दिया। सपा सदस्यों द्वारा अनिल को माफ करने की अपील के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सबसे वरिष्ठ सदस्य आलम बदी की सिफारिश पर अपना फैसला वापस ले लिया।

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दरअसल, अनिल प्रधान ने कृषि मंत्री ने फसलों की अच्छी कीमत दिलाने के लिए स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को लेकर सवाल किया था। उन्होंने अपने संबोधन से पहले जय जवान, जय किसान, जय संविधान कहा। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के साथ इन लोगों ने इंडी गठबंधन बनाया है, उन्होंने इमरजेंसी लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ा दी थी। कृषि मंत्री के इस बयान का कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और सपा सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान अनिल प्रधान कृषि मंत्री की ओर इशारा कर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। विधानसभा अध्यक्ष को यह नागवार गुजरा और उन्होंने मार्शल को बुलाकर अनिल प्रधान को सदन से बाहर निकालने का आदेश दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से सपा सदस्य सकते में आ गए और अनिल को माफ कर देने की अपील करने लगे।

मोदी सरकार ने 90 फीसद सिफारिशें लागू की

कृषि मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने किया था। वर्ष 2006 से 2014 के दौरान कांग्रेस की सरकार ने उसे कूड़े में डाल दिया। मोदी सरकार आने के बाद कमेटी की 90 फीसद सिफारिशों को लागू किया गया। वहीं दूसरी ओर सपा सदस्य राजेंद्र प्रसाद चौधरी द्वारा कृषि यंत्रों और डीजल पर जीएसटी को समाप्त करने से जुड़े प्रश्न के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों का फैसला जीएसटी काउंसिल करती है। सपा सरकार तो किसानों से जजिया टैक्स की तरह वसूली करती थी। उसने योगी सरकार ने खत्म किया। वहीं डीजल की दरों पर बोले कि कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुकाबले यूपी में डीजल का दाम काफी कम है।



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