UP ATS arrested three for fake birth certificate case.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : ANI

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रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले सिंडीकेट के तीन सदस्यों को यूपी एटीएस ने शुक्रवार को आजमगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। इनमें आजमगढ़ के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में संविदा पर कार्यरत महिलाकर्मी अनीता यादव शामिल है। इसके अलावा शिवानंद और आनंद यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 6 मोबाइल, दो सिम और एक लैपटॉप बरामद किया गया है। ये सभी नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) पोर्टल पर अधिकृत आईडी का दुरुपयोग कर बड़ी संख्या में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बना रहे थे। बता दें कि एटीएस ने हाल ही में इस सिंडीकेट के सरगना बिहार निवासी रविकेश को भी गिरफ्तार किया है।

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आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि पूर्वांचल के जिलों में सिंडिकेट बनाकर फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने की सूचना मिलने पर जांच में सामने आया कि आजमगढ़ का एक सिंडिकेट इसमें शामिल है। जांच में संदिग्ध पाए जाने पर आजमगढ़ निवासी शिवानंद को बुलाकर पूछताछ की गयी। उसके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के परीक्षण में पता चला कि इस सिंडिकेट की मुखिया सीएमओ कार्यालय में कार्य करने वाली संविदा कर्मी अनीता यादव है। उसने सीआरएस पोर्टल की जिला एडमिन आईडी का दुरुपयोग करके और कुछ नए एवं कुछ मौजूदा ग्राम सचिव की आईडी में फेरबदल कर सिंडिकेट के लोगों को उपलब्ध कराई है। इसमें आनंद यादव उर्फ नन्हे यादव उसका सहयोग करता है।

अनीता और आनंद ने शिवानंद को भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई आईडी दी थी, जिनमें से कुछ वह वर्तमान में प्रयोग कर रहा था। शिवानंद के मोबाइल में अनीता व अन्य के साथ अवैध रूप से अर्जित धन के लेन-देन एवं फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने के साक्ष्य भी मिले। पूछताछ में शिवानंद ने बताया कि अनीता और आनंद पैसे लेकर आईडी देते हैं। उसने बताया कि बिहार निवासी रविकेश भी इस सिंडिकेट से जुड़ा हुआ था। इसके बाद एटीएस ने अनीता और आनंद को भी गिरफ्तार कर लिया।

कई अन्य रडार पर: पूछताछ में पता चला कि सीआरएस पोर्टल के एड ओल्ड ऑप्शन का प्रयोग करके बनाए गए प्रमाण पत्र जिले एवं राज्य स्तर पर प्रदर्शित नहीं होते थे। केवल जिस आईडी का प्रयोग करके प्रमाण पत्र को बनाया गया है, उसी आईडी की हिस्ट्री में उसे देखा जा सकता है। इसका दुरुपयोग कर आरोपियों ने पोर्टल पर नया जन्म प्रमाण पत्र बनाए। उन्होंने विभिन्न जिलों में भारी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पोर्टल के माध्यम से जारी किए हैं, जिसकी जांच की जा रही है। इस सिंडिकेट के कई अन्य सदस्य एटीएस के रडार पर हैं।



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