{“_id”:”686e6f84ab636271530bbb82″,”slug”:”up-balvatikas-will-run-in-the-vacant-campus-after-the-merger-of-schools-the-process-of-hiring-8800-educators-2025-07-09″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”यूपी: स्कूलों के विलय के बाद खाली हुए कैंपस में चलेंगी बालवाटिकाएं, 8800 एजुकेटर रखने की प्रक्रिया हुई शुरू”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अक्षय कुमार, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: रोहित मिश्र
Updated Thu, 10 Jul 2025 06:43 AM IST
Merger of schools in UP: यूपी में प्राथमिक स्कूलों के विलय के बाद इन खाली हुए कैंपस में बालवाटिकाएं शुरू की जाएंगी। इनका स्तर बेहतर करने के लिए यहां एजुकेटर रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बीच खाली हो रहे विद्यालयों में बालवाटिका को बेहतर बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके तहत 8800 परिषदीय व कंपोजिट विद्यालयों में बालवाटिका के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) एजुकेटर रखने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिला स्तर पर इनकी तैनाती बीएसए द्वारा की जाएगी।
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शिक्षा मंत्रालय ने वार्षिक परियोजना में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में बालवाटिका के लिए 8800 ईसीसीई एजुकेटर रखने के लिए बजट स्वीकृत किया है। इसका उद्देश्य प्रदेश के इन विद्यालयों में चल रहे को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों व बालवाटिका को बेहतर करना और उसके लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन की तैनाती करना है। इसके तहत महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से ईसीसीई एजुकेटर रखने की प्रक्रिया को 30 सितंबर तक पूरा किया जाए। उन्होंने सभी 75 जिलों के लिए आवश्यकतानुसार ईसीसीई एजुकेटर की संख्या भी निर्धारित करके भेजी है। इसके साथ ही पिछले साल की 10684 एजुकेटर रखने की प्रक्रिया को भी विभाग ने समय से पूरा करने का निर्देश दिया है।