अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: ishwar ashish

Updated Thu, 26 Sep 2024 11:23 AM IST

बैंकों ने शासन की प्रक्रिया सरल करने की मांग की है। बैंकों ने तहसील स्तर से सहयोग करने का अनुरोध शासन से किया है। बैंकों ने संबंधित डीएम को लिस्ट भी भेजी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।


UP: Banks did not recovered 48 thousand crores.

– फोटो : Adobe Stock

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उत्तर प्रदेश में बैंकों की ओर से दिए गए ऋण की वसूली की स्थिति खराब है। रिकवरी सर्टिफिकेट में बैंकों के 48 हजार करोड़ से ज्यादा फंसे हैं। शासन को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 7800 करोड़ पीएनबी और 7700 करोड़ रुपये केनरा बैंक के फंसे हैं। आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और एक्सिस बैंक की स्थिति सबसे बेहतर है। इन बैंकों की कुल रिकवरी मात्र 85 करोड़ रुपये है।

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तहसीलों में 12.89 लाख से ज्यादा वसूली प्रमाण पत्र (रिकवरी सर्टिफिकेट) लंबित हैं। इन्हीं आरसी में बैंकों की रकम फंसी है। बैंकों ने तहसील स्तर से सहयोग करने का अनुरोध शासन से किया है। बैंकों ने संबंधित डीएम को लिस्ट भी भेजी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इस पर बैंकों ने कहा है कि सरफेसी एक्ट के तहत वसूली में डीएम स्तर से सहयोग नहीं मिल रहा है। सरफेसी एक्ट के तहत 6478 मामले डीएम कार्यालयों में अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, राजस्व परिषद ने बैंकों की फंसी रकम की वसूली और बंधक प्रापर्टी के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है। इसी पोर्टल के जरिये लंबित वसूली के मामलों को निस्तारित किया जाएगा।

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इन बैंकों की सबसे ज्यादा रकम फंसी

बैंक   कुल आरसी रकम
आर्यावर्त बैंक 317812 6925 करोड़
बैंक आफ बड़ौदा 52585  2913 करोड़
बैंक आफ इंडिया  47878 818 करोड़
बड़ौदा यूपी बैंक  179902  5401 करोड़
केनरा बैंक 121628 7717 करोड़
सेंट्रल बैंक 11036 788 करोड़
इंडियन बैंक 75116  3139 करोड़
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक   83770 2170 करोड़
पंजाब नेशनल बैंक  168828  7810 करोड़
स्टेट बैंक आफ इंडिया 143206  3494 करोड़
नैनीताल बैंक   213  822 करोड़
यूनियन बैंक 47590  4729 करोड़



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