UP: Basic schools will open on Sunday in many districts of the state, some secondary schools will also be ope

स्कूलों में बन रही है छात्रों की अपार आईडी।
– फोटो : अमर उजाला।

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 प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में सिर्फ 52 फीसदी ही ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने पर सख्ती शुरू हो गई है। शनिवार को महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने इसकी समीक्षा की और सभी को इसमें गति लाने के निर्देश दिए। इसके बाद कई जिलों ने रविवार को विद्यालय खोलने और डेटा अपडेट व अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

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शिक्षा मंत्रालय की पहल पर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से अपार आईडी बनाने को लेकर अभियान चल रहा है। किंतु इसकी प्रगति बहुत धीमी है। प्राइवेट विद्यालयों में जहां 89 फीसदी वहीं सरकारी में 52 फीसदी ही अपार आईडी बनी है। सरकारी विद्यालयों में कई जिलों में 90 फीसदी तक की अपार आईडी नहीं बनी है। इस पर महानिदेशक ने कड़ी नाराजगी संबंधित जिलों के अधिकारियों से जताई है।

उन्होंने इसे 100 फीसदी पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पांच फरवरी को फिर से इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद लखनऊ, औरैया, उन्नाव, फर्रुखाबाद, मिर्जापुर आदि कई जिलों में रविवार को विद्यालय खोलने और अपार आईडी से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को 20-20 विद्यालयों का निरीक्षण करने को भी कहा है। इसी तरह माध्यमिक में भी उन्नाव, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर आदि जिलों में स्कूल खोलकर डेटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। सुल्तानपुर में रविवार को अवकाश के बदले प्रतिकर अवकाश की घोषणा की है। 

वहीं महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि जिन जिलों में अपार आईडी बनाने की स्थिति खराब है। उन्हें इसमें गति लाने के निर्देश दिए हैं। जिले स्कूल खोलने का निर्णय अपने स्तर पर कर रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों ने लगातार दूसरे रविवार को स्कूल खोलने पर नाराजगी जताई है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि यह निर्णय न्यायोचित नहीं है। हर रविवार विद्यालय खोलने का आदेश तानाशाही है।



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