UP BJP stands with Subrata pathak.

कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक।
– फोटो : amar ujala

विस्तार

कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक और पुलिस के बीच चल रहे टकराव में पार्टी अपने सांसद के साथ खड़ी हो गई है। पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर पार्टी व सरकार में हलचल है। भाजपा महाजनसंपर्क अभियान के जरिये लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। इस बीच पुलिस ने सांसद सुब्रत पाठक व उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इससे पार्टी असहज नजर आने लगी है। पर, अपनी सरकार में एफआईआर होने से भाजपा के बड़े नेता खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। हालांकि मामले की गंभीरता को समझते हुए क्षेत्रीय संगठन सांसद के साथ खुलकर खड़ा है। वहीं, सुब्रत पाठक का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इशारे पर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

कन्नौज लोकसभा क्षेत्र भाजपा के संगठनात्मक कानपुर क्षेत्र में है। कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि पुलिस ने सांसद सुब्रत पाठक व कार्यकर्ताओं के खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज किया है। निष्पक्ष जांच कराकर मुकदमा वापस होना चाहिए।

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यह है मामला

उन्नाव की औरास थाना पुलिस ने गत दिनों अपहरण के एक मामले में कन्नौज में स्थानीय कोतवाली पुलिस की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि सुब्रत पाठक ने समर्थकों के साथ पहुंचकर पुलिस की कार्यवाही में बाधा डाली। मामले में पुलिस ने पाठक सहित दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी पार्टी के सांसद के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज होने से मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को कन्नौज के विधायकों ने सांसद के साथ इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक भी की।

हिन्दू विरोधी हैं कन्नौज के पुलिस अधीक्षक

सुब्रत पाठक का कहना है कि कन्नौज के एसपी अनुपम सिंह हिंदू विरोधी हैं। हिंदूवादी नेता होने के कारण एसपी उन्हें फंसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुपम सिंह ने आगरा में पोस्टिंग के दौरान आरएसएस की शाखाओं को बंद कराया था। उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए जाने चाहिए। पुलिस वालों ने खुद ही अपने शरीर पर चाबी रगड़कर खरोंच के निशान बनाए हैं। जिन पुलिस वालों से मारपीट की बात की जा रही है, वे मौके पर नहीं थे। मैं दोषी हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई और मैं दोषी नहीं हूं तो एसपी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर पुलिस ने जल्द सीसीटीवी फुटेज जारी नहीं किए तो एक-दो दिन में वह खुद गिरफ्तारी देंगे।



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