UP Board Result: माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश ने शुक्रवार को करीब 54 लाख छात्रों की मेहनत का परिणाम जारी कर दिया है। यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों का इंतजार समाप्त हो चुका है। बोर्ड ने दोपहर 12:30 बजे 10वीं-12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। यूपी बोर्ड परीक्षा में हाई स्कूल में 90.11 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। वहीं इंटरमीडिएट में 81.15 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए। 

Trending Videos

हौसला हो तो सफलता जरूर मिलती है। राजधानी लखनऊ के जीवन ज्योति एकेडमी सैनिक नगर में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी अनुज व शिवानी ने इसे साबित कर दिखाया है। दोनों भाई-बहन हैं। पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, इसलिए कमाई का कोई साधन नहीं था। 

यह भी पढ़ेंः- UP Weather Today: आज 20 जिलों में लू चलने की चेतावनी, कल से बदल सकता है मौसम… गर्म हवाओं से हल्की राहत की आस

दोनों भाई-बहन ने पान की दुकान चलाकर पढ़ाई की। कठिन परिश्रम के साथ अनुज ने 83 प्रतिशत और शिवानी ने 84 प्रतिशत अंक हासिल किया है। विद्यालय के प्रबंधक नरेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनकी फीस भी माफ कर दी गई थी।

कोरोना में पिता को खोया, संघर्ष से मिली सफलता

कोराना काल में पिता की मृत्यु के बाद कड़े संघर्ष से गुजरे राजधानी के सचिन रावत ने 12वीं की परीक्षा 89.20 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। अब वह आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं।

सचिन ने बताया कि उनके पिता रजनीश रावत की इच्छा थी कि वह आईएएस अधिकारी बनें। इसलिए पिता की इच्छा पूरी करने के लिए संकल्प के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। जिस समय कोरोना काल में उनके पिता का देहांत हुआ था, वह आठवीं कक्षा में थे। पिता की मृत्यु से पूरा परिवार टूट गया था। मां निशा देवी के कंधों पर परिवार का बोझ आ गया, लेकिन पढ़ाई के लिए संघर्ष जारी रहा। 

यह भी पढ़ेंः- पहलगाम हमला: यूपी से 100 से अधिक पाकिस्तानी लौटे अपने मुल्क, लांग टर्म वीजा वाले अभी नहीं जाएंगे वापस

सचिन की बहन अंजलि बीकॉम कर रही हैं। सचिन ने लखनऊ पब्लिक स्कूल, राजाजीपुरम से पढ़ाई की है। वहीं, मां निशा देवी ने बताया कि वह बच्चों की पढ़ाई पर बहुत ध्यान देती हैं। बेटा आईएएस की तैयारी करे, इसके लिए वह भी तैयार हैं।

पिता ने सिले कपड़े, बेटी ने बढ़ाया मान

बीकेटी स्थित डॉ. एलपी लाल मेमोरियल स्कूल की साहिबा आरिफ ने इंटरमीडिएट में 89.40 फीसदी अंक हासिल कर राजधानी व स्कूल का नाम रोशन किया है। साहिबा आरिफ के पिता मो. आरिफ पेशे से दर्जी हैं। बेटी की पढ़ाई के लिए उन्होंने रात- दिन काम किया। फीस की वजह से स्कूल न छूटे, इसके लिए मां भी काम करती रहीं। 

साहिबा ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए पिता ने मेहनत में किसी तरह की कमी नहीं होने दी। आगे सिविल सर्विस की तैयारी करेंगी। अधिकारी बनकर समाज के लिए काम करूं यही लक्ष्य है। घर में माता- पिता के अलावा पांच भाई-बहन हैं। घर में सबसे बड़ी होने की वजह से जिम्मेदारी उससे भी बड़ी है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *