यूपी एसटीएफ ने बृहस्पतिवार रात मोतीगंज के पिपरा भिटौरा गांव में छापा मारकर फर्जीवाड़े के आरोपी दो सगे भाइयों व उनके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से जन्म और मृत्यु के फर्जी प्रमाणपत्र, नकदी व अन्य अभिलेख बरामद हुए हैं। एसटीएफ का दावा है कि आरोपी अब तक 1.40 लाख फर्जी जन्म प्रमाणपत्र व 25 हजार फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बना चुके हैं।
                                
                एसटीएफ की लखनऊ यूनिट के डिप्टी एसपी सुधांशु शेखर ने बताया कि फर्जी वेबसाइट, सॉफ्टवेयर एवं पोर्टल के माध्यम से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनकर अनाधिकृत लाभ, फर्जी बैनामा व वसीयत में लगाने की सूचना मिली थी।
                                
                इसके बाद टीम के उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम को लगाया था। टीम को शुक्रवार को सूचना मिली कि गिरोह का एक बदमाश हरदोई से कार से लखनऊ आ रहा है। इसके बाद लखनऊ में दुबग्गा चौराहे से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
                                
                पकड़े गए लाल बिहारी पाल निवासी सुभाष नगर भोलाखेड़ा, मानसनगर थाना कृष्णा नगर लखनऊ ने पूछताछ में बताया कि वह हरदोई के अहिरौली में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर नियुक्त है।  वह गोंडा के पिपरा भिटौरा इमलिया विशुनपुर बैरिया थाना मोतीगंज निवासी रवि वर्मा के सहयोग से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाता है।
                                
                लाल बिहारी की निशानदेही पर टीम ने गोंडा के पिपरा भिटौरा में दबिश देकर रवि वर्मा, उसके भाई सोनू वर्मा, गांव के साथी बंशराज वर्मा व सत्यरोहन वर्मा गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, 14 आयुष्मान कार्ड, सात एटीएम कार्ड, 25 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र व पांच मृत्यु प्रमाणपत्र, 27,690 रुपये की नकदी, ड्राइविंग लाइसेंस, हार्ड डिस्क व कार बरामद हुई है।
                                
                रैकेट चलाते हैं आरोपी
                                
                एटीएफ की पूछताछ में रवि ने बताया कि उसने ऑनलाइन वेबसाइट में कूटरचना करके उसी साइट पर अपने साथियों से एकमुश्त रकम लेकर उन्हें लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया था। इसी साइट पर वह सभी ऑनलाइन लॉगिन करके फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार करते थे।
                                
उसकी निर्धारित फीस लेते थे। उसके साथी 600 से 1000 रुपये तक प्रति प्रमाणपत्र के हिसाब से फीस लेते थे। वहीं, अपने साथियों से वह जन्म प्रमाणपत्र के 30 व मृत्यु प्रमाणपत्र के 70 रुपये यूपीआई के माध्यम से अपने पिता के खाते में लेता था। आरोपी रवि के खिलाफ कोतवाली नगर में इससे पहले जालसाजी का मुकदमा दर्ज है।

 
                    