
छुट्टा पशुओं की समस्या पर सरकार गंभीर दिख रही है।
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लोकसभा चुनाव के पहले के अपने बजट में योगी सरकार किसानों पर खास मेहरबान दिखी। निजी नलकूपों के बिजली बिल में रियायत के लिए बजट में 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। इस मद में 2400 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। सोलर सिंचाई पंप की स्थापना के लिए भी बजट में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि की गई है। वहीं किसानों की सबसे बड़ी समस्या छुट्टा पशुओं से छुटकारे के लिए खेतों में सोलर फेंसिंग कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना की घोषणा की है। इस योजना के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
बजट में कृषि क्षेत्र की विकास की दर 5.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य लिया गया है। पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंपों की स्थापना के लिए 449.45 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई है, जो वर्तमान वित्त वर्ष की अपेक्षा दोगुने से भी अधिक है। कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए तीन नई योजनाओं की भी घोषणा की गई है। राज्य कृषि विकास योजना और विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना के लिए 200-200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य कृषि विकास योजना के तहत क्षमता एवं कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी।
किसानों को ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम की जानकारी देने के लिए विंड्स कार्यक्रम के तहत विकास खंडों और ग्राम पंचायतों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना की जाएगी। इस मद में 60 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। प्रदेश के 54 जिलों में मक्का के क्षेत्रफल के विकास के लिए भी 27.37 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कृषि विश्वविद्यालयों में नए कामों के लिए 100 करोड़
बजट में कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में विभिन्न नए कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, कुशीनगर की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि मेरठ में ऑडिटोरियम के लिए 9.20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, अयोध्या के मुख्य परिसर में अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास के निर्माण के लिए 1.50 करोड़ की व्यवस्था है। अतिरिक्त कक्षों के लिए भी 50 लाख और एग्री टूरिज्म सेंटर की स्थापना के लिए 1.50 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
इसी तरह से बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, बांदा परिसर में ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 10 करोड़ और छात्रावास के लिए 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, कानपुर के हेरिटेज इमारतों के संरक्षण के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। कृषि विवि में ऑर्गेनिक टेस्टिंग लैब और टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना के लिए 9-9 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है।
गन्ना किसानों को भुगतान के लिए 250 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड
बजट में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड की चीनी मिलों के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लि. की चीनी मिलों के गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिनों के अंदर किए जाने के लिए रिवॉल्विंग फंड के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
ये भी मिला-
– उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लि. की पिपराइच (गोरखपुर) में आसवनी की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये।
– सहकारी चीनी मिल, गजरौला (अमरोहा) की पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए 100 करोड़।
– सहकारी चीनी मिल सेहरोड, नजीबाबाद की पेराई क्षमता में वृद्धि के लिए भी बजट मद खोलते हुए टोकन राशि का आवंटन।
-रुद्र विलास सहकारी चीनी मिल, बिलासपुर (रामपुर) के तकनीकी अपग्रेडेशन के लिए 65 करोड़।
– किसान सहकारी चीनी मिल, सेमीखेड़ा (बरेली), किसान सहकारी चीनी मिल लि. मोरना और किसान सहकारी चीनी मिल लि. बागपत के तकनीकी अपग्रेडशन के लिए 65-65 करोड़ रुपये।
– उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लि. की छाता (मथुरा) चीनी मिल में चीनी मिल, आसवनी एवं लॉजिस्टिक हब वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए 100 करोड़।
