UP by-election: Dalit votes will be decisive, BSP appears out of the fight, election results may be like this

यूपी उपचुनाव।
– फोटो : अमर उजाला।

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यूपी के उपचुनाव में कमोबेश सभी जगह बसपा मुख्य लड़ाई से गायब दिखी। इससे भाजपा और सपा सीधी लड़ाई में आ गए। कई सीटों पर दलित मतदाता बंटे हुए दिखाई दिए, जिसने गुणा-भाग को थोड़ा मुश्किल बना दिया। जिसके पक्ष में दलित मतदाता ज्यादा गए, परिणाम उसी के पक्ष में रहेगा। कुंदरकी में भाजपा मुस्लिम मतों में सेंध लगाते हुए दिखी, जिसे काफी चौंकाने वाला माना जा रहा है। सीसामऊ में सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने को अनुमान है। यहां के कुल 48 मतदान केंद्रों में से आधे से ज्यादा में बसपा और किसी में भी निर्दलीय प्रत्याशी का बस्ता नहीं दिखा।

कटेहरी में दलित मतदाता साबित हुए निर्णायक

कटेहरी उपचुनाव में मतदान से पहले की स्थिति कुछ और थी। तब मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था। संभावना थी कि बसपा प्रत्याशी अमित वर्मा अपने सजातीय मतों में सेंधमारी कर सपा को तगड़ी चोट देंगे, लेकिन मतदान के दौरान ऐसा प्रतीत नहीं हुआ। अंत में भाजपा के धर्मराज निषाद और सपा की शोभावती वर्मा के बीच ही सीधा मुकाबला दिखा। अलबत्ता, बसपा का प्रदर्शन कमल व साइकिल का संतुलन बिगाड़ सकता है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार बसपा ने अपने पारंपरिक वोटों के साथ ही जातिगत समीकरण को साधा तो सपा का गणित बिगड़ सकता है।

करहल में सीधी लड़ाई फूफा-भतीजे के बीच

करहल विधानसभा चुनाव के लिए कुल 7 प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन, सीधा मुकाबला सपा प्रत्याशी तेजप्रताप यादव और भाजपा प्रत्याशी अनुजेश सिंह में रहा। वहीं बसपा प्रत्याशी अवनीश शाक्य भी बसपा के परंपरागत वोट बैंक के सहारे नजर आए।



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