
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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प्रदेश में विदेशी निवेश आकर्षित के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई) को मंजूरी दे दी गई। इस नीति के जरिये यूपी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाया जाएगा। इसके तहत और फार्च्यून-500 कंपनियों को जमीन खरीद, स्टांप ड्यूटी और पूंजीगत निवेश में छूट मिलेगी। स्टेट जीएसटी में सौ फीसदी छूट का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष करने पर सरकार विशेष प्रोत्साहन राशि देगी।
कैबिनेट के इस फैसले पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एफडीआई के माध्यम से उत्तर प्रदेश में निवेश बहुत कम है। अन्य राज्यों की तुलना में यह केवल 9435 करोड़ रुपए था इसलिए विदेशी निवेेश आकर्षित करने के लिए एफडीआई नीति को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति- 2022 के तहत स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में क्षेत्रवार छूट दी जाएगी।
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी मे पांच वर्ष के लिए 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष करने के एवज में योगी सरकार पांच वर्ष तक प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5,000 रुपये कंपनियों को देगी। इस योजना के तहत अधिकतम 500 लोगों को प्रशिक्षित करने की लागत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस पर सरकार 15 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इनपुट टैक्स क्रेडिट में छूट
यदि निवेश करने वाली कंपनी को कैपिटल गुड्स के एवज में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) नहीं मिलता हैै तो यूपी जीएसटी अधिनियम-2017 के अंतर्गत आईटीसी की स्वीकार्य सीमा तक निवेश अवधि के अंदर एसजीएसटी इनपुट क्रेडिट वापस कर दिया जाएगा। कंपनी को रिफंड की तय सीमा तक एसजीएसटी के बकाये लेजर में से आईटीसी को रिवर्स करना होगा। ये रिफंड उत्पादन की तारीख से पांच साल तक सालाना किस्त के रूप में दिया जाएगा।
बड़ी कंपनियों से बड़ा रोजगार, ढेरों रियायतें
– औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की वर्तमान दरों से सस्ती दरों में जमीन दी जाएगी।
– जमीन की लागत छोड़कर पूंजी निवेश पर 100 करोड़ सालाना सब्सिडी 7 साल तक।
– मंजूरी वाली परियोजनओं को 100 फीसदी एसजीएसटी सब्सिडी।
– यूपी औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत स्टांप व पंजीकरण शुल्क में छूट, जो 100 फीसदी तक होगी।
– इकाई द्वारा एफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट या कॉमन एफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट की लागत का 50 फीसदी या 2.5 करोड़ की सब्सिडी।
– परियोजना के 10 किमी के दायरे में श्रमिकों के आवास की लागत का 10 करोड़ रुपये तक 7 सालाना किस्तों में दिया जाएगा।
– अपने अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू संयंत्रों को यूपी में लाने पर 2 करोड़ रुपये परिवहन लागत या आयात शुल्क में छूट।
– पेटेंट पंजीकरण पर आने वाले खर्च की 75 फीसदी सब्सिडी, घरेलू पेटेंट के लिए 10 लाख व अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 20 लाख।