
योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से सपा सरकार का फैसला पलटते हुए जल निगम (शहरी) में अवर अभियंताओं (जेई) की भर्ती का अधिकार उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दिया है। सपा सरकार ने जाते-जाते वर्ष 2016 में आयोग से भर्ती का अधिकार वापस ले लिया था। योगी सरकार के इस फैसले के बाद जल निगम (शहरी) में अवर अभियंता (सिविल) और ( विद्युत/ /यांत्रिक) के पदों पर भर्ती अब उप्र अधीनस्थ चयन आयोग के जरिए किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
बता दें कि सपा सरकार ने 14 जुलाई 2016 को जल निगम में जेई की भर्ती का अधिकार उप्र अधीनस्थ चयन आयोग से वापस लेकर जल निगम को दे दिया था। उस समय नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां थे। इसके बाद जल निगम में बड़े पैमाने पर अवर अभियंताओं की भर्ती हुई थी, जिसमें धांधली की शिकायत सामने आई थी। इसके बाद इस प्रकरण की जांच एसआईटी द्वारा की गई थी, जिसमें भारी गड़बड़ी मिली थी और जल निगम का अध्यक्ष होने के नाते आजम खां पर भी सवाल उठे थे ।
मौजूदा व्यवस्था के तहत समूह ‘ग’ के पदों पर भर्ती का अधिकार उप्र अधीनस्थ चयन आयोग के पास है। जल निगम में जेई सिविल व विद्युत यांत्रिक के लिए वेतन बैंड-2 9300-34800 ग्रेड पे रुपये 4200 निर्धारित है और यह पद भी समूह ‘ग’ में आता है। इसलिए सरकार ने अब इस श्रेणी के पद पर भर्ती का अधिकारी दाेबारा आयोग को देने का फैसला किया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने 24 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश जल निगम शहरी और ग्रामीण को अलग-अलग कर दिया है और जल निगम शहरी नगर विकास विभाग के अधीन है।