UP: Cabinet decision, land will be given on 90 years lease to private sector for tourism development

यूपी कैबिनेट बैठक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट ने निजी क्षेत्र को पर्यटन विकास के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भूमि लीज नीति-2024 को मंजूरी दे दी। इसके तहत पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित सरकारी लैंड बैंक के भू-भाग को बिना किसी बाधा के पट्टे पर देने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

प्रस्ताव के मुताबिक भूमि को शासन की अन्य भू-आवंटन नीतियों के अनुसार 30-30 वर्ष के तीन चरणों में अधिकतम 90 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। प्रस्तावित नीति के माध्यम से उन निवेशकों को भूमि के सरल तरीके से आवंटन की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिनके पास पूंजी निवेश के लिए परिपक्व प्रस्ताव तैयार है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने में प्रोत्साहन मिलेगा। स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि पर्यटन नीति-2022 का उद्देश्य पर्यटन में वृद्धि एवं पर्यटक सुविधाएं विकसित किए जाने के लिए राज्य में पर्यटन उद्योग को देश के सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करना है। विभाग द्वारा पर्यटन संबंधी आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए सरकार द्वारा सीधे या सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए मजबूत भूमि बैंक बनाया गया है।

बेकार पड़े भवन पर्यटन विभाग को मिलेंगे

कैबिनेट ने जल शक्ति मंत्रालय के अधीन प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर निरीक्षण भवन, डाक बंगले आदि, जो कि सुरम्य स्थलों पर स्थित हैं, उनको पर्यटन विभाग को देने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसके तहत चार निष्प्रयोज्य भवनों सोनभद्र स्थित विसुंदरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन और लखीमपुर खीरी के ग्राम पन्यौरा की ओयल नहर कोठी को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

जलशक्ति मंत्रालय के अधीन विभागों के अधिकतर भवन नदियों, झीलों, बैराजों, बांधों व नहरों के किनारे स्थित हैं। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता अतुलनीय है। कई भवन ऐतिहासिक व धरोहर की श्रेणी में आने के पात्र हैं। इनका इस्तेमाल वर्तमान में पिकनिक स्थलों के लिए हो रहा है। इनका ईको पयर्टन के रूप में भी महत्व है। इन भवनों को पर्यटन विभाग को देने के लिए मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, केरल की पर्यटन नीतियों का अध्ययन किया गया है। इन भवनों को पर्यटन विभाग को देकर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इससे पर्यटक आकर्षित होंगे। राेजगार के अवसर सृजित होंगे। स्थानीय कृषकों की आय में बढ़ोतरी भी होगी।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *