
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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प्रदेश सरकार ने ई कॉमर्स कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें समाधान योजना का लाभ दे दिया है। इस योजना के तहत ई कॉमर्स कारोबारियों को अपने कारोबार का महज एक फीसदी टैक्स देना होगा। ये फैसला ई कामर्स प्लेटफार्म से जुड़े व्यापारियों को राहत देने और डिजिटल प्लेटफार्म से ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों को जोड़ने के लिए किया गया है। अभी तक ई कॉमर्स व्यापारियों को समाधान का लाभ नहीं मिलता था। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
अभी तक ई कॉमर्स कारोबारियों को माल और सेवा में अलग-अलग टैक्स देना पड़ता था, जिसमें तमाम जटिलताओं का सामना व्यापारी कर रहे थे। दरअसल केन्द्र सरकार ने पहले ही ई कॉमर्स कारोबारियों को इस तरह की राहत दी थी, जिसे राज्य सरकार ने भी स्वीकार कर लिया। राज्य के बाहर भी ई कॉमर्स से कारोबार करने वाले कारोबारियों को इसका लाभ मिलेगा। इस कदम से जीएसटी का बोझ बेहद कम पड़ेगा और अपने माल को देश में कहीं भी बेचने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने को बढ़ावा मिलेगा। एक फीसदी टैक्स देने के बाद कारोबारियों को रिटर्न भरने से छूट मिलेगी लेकिन इनपुट टैैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं मिलेगा।
जीएसटी में कम्पाउंडिंग व्यवस्था में भी बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। नई व्यवस्था में व्यापारियों को टैक्स में आधा फीसदी का फायदा होगा। जीएसटी से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए राज्य ट्रिब्यूनल के गठन को भी मंजूरी दे दी गई है। जीएसटी में इसकी व्यवस्था पहले से है लेकिन अब नए सिरे से इसका गठन किया जाएगा, जिसका नाम अब राज्य ट्रिब्यूनल पीठ होगा।