
मुरादाबाद रेलवे स्टेशन परिसर
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सीबीआई टीम ने डीआरएम कार्यालय पहुंचकर विद्युत अनुभाग व स्टोर में दस्तावेज खंगाले। एलईडी और हाईमास्ट लाइटों की खरीद में घपले की शिकायत पर आई टीम ने करीब तीन घंटे जांच की। इसके बाद महंगी एलईडी और हाईमास्ट लाइटों के सैंपल सील करके साथ ले गई। इन एलईडी लाइटों में से एक की कीमत करीब 90 हजार रुपये है।
150 से ज्यादा लाइटें पूरे रेल मंडल में लगाई गई हैं। इसके अलावा हाईमास्ट लाइट इससे ज्यादा महंगी हैं। शिकायतकर्ता ने टीम को सूचना दी थी कि रेल मंडल में खंभों पर लगाई गईं लाइटें और हाईमास्ट लाइटें उस कंपनी की नहीं हैं, जिसका टैग लगा है। इन्हें खरीदने में कई करोड़ रुपये की धांधली हुई है।
इस जानकारी पर सीबीआई ने लगातार दो दिन डीआरएम कार्यालय में बिना पहचान बताए सूचना एकत्र की। इसके बाद बृहस्पतिवार को टीम ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी। टीम ने विद्युत व स्टोर विभाग के अधिकारियों से खरीद का विवरण मांगा। डीआरएम कार्यालय के अलावा टीम ने कपूर कंपनी स्थित विद्युत अनुभाग के स्टोर में भी जांच की।
देर शाम तक दस्तावेजों को खंगालने के बाद टीम दोनों तरह की एक-एक लाइट का नमूना सील कर अपने साथ ले गई।
पावर हाउस, लोको सब स्टेशन पर भी की पड़ताल
सीबीआई टीम के पांच सदस्यों ने डीआरएम कार्यालय के विद्युत अनुभाग में जांच कर जानकारियां जुटाईं तो इतने ही सदस्यों की दूसरी टीम ने रेलवे पावर हाउस पर पड़ताल की। कपूर कंपनी के पास स्थित रेलवे पावर हाउस पर टीम ने लाइटों के अलावा अन्य सामान की खरीद के बारे में जानकारी ली।
वहां मौजूद कर्मचारियों से कई सवाल पूछे। रजिस्टर आदि भी देखे। इसके अलावा टीम के पांच अन्य सदस्य कंटेनर डिपो के पास स्थित लोको सब स्टेशन पर पहुंचे। वहां रेलवे के विद्युत अनुभाग में इस्तेमाल होने वाले निजी कंपनियों से खरीदे गए उत्पादों के बारे में जानकारी ली।
सीबीआई टीम ने विद्युत अनुभाग में अपनी जांच पड़ताल की है। इस बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है। रेलवे जांच में सहयोग कर रहा है। जांच पूरी होने से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। – एनएन सिंह, एडीआरएम इन्फ्रा
