
लखनऊ में चाइनीज लहसुन।
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नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हो रहे सैकड़ों टन चीनी लहसुन के खिलाफ कस्टम विभाग ताबड़तोड़ कार्रवाई कर उन्हें जब्त तो करता है, लेकिन नष्ट कराने की कार्रवाई करने में वह काफी पीछे है। चीनी लहसुन के जांच में खतरनाक साबित होने की पौध संरक्षण निदेशालय की रिपोर्ट के बाद भी महीनों पुरानी खेप अभी तक नष्ट नहीं कराई गई है। उधर, जिम्मेदार अफसरों के तमाम दावों के बाद भी बाजार में खुलेआम चीनी लहसुन बिक रहा है।
कस्टम के लखनऊ कमिश्नरेट के अफसरों ने 26 दिन पहले बाराबंकी के रामसनेहीघाट पर 10 टन चीनी लहसुन को जब्त कर एक गाड़ी सीज की। लेकिन, अभी भी इसे नष्ट नहीं कराया गया है। कस्टम की दलील है कि रिपोर्ट का इंतजार है। जबकि, इससे पहले भी चीनी लहसुन के पकड़े जाने के मामले आए, लेकिन वह भी नष्ट नहीं करवाए गए। कस्टम विभाग चीनी लहसुन जब्त करने के बाद सैंपल कृषि विभाग के पौध संरक्षण निदेशालय को भेजता है, जो कि लैब में जांच करवाने के बाद कस्टम विभाग को चीनी लहसुन नष्ट कराने को कहता है। पौध संरक्षण निदेशालय के संयुक्त निदेशक जीपी सिंह का कहना है कि हमने पूर्व में भी चीनी लहसुन के सैंपल की जांच करवाकर उसे नष्ट कराने की रिपोर्ट दी। यह भी लिखा कि जब्त चीनी लहसुन को उनके सुपरविजन में नष्ट कराया जाए। लेकिन, कस्टम विभाग की तरफ से चीनी लहसुन नष्ट कराने के लिए उनके पास कोई संदेश नहीं आया है।
चीनी लहसुन पर लखनऊ कमिश्नरेट को एक और सफलता
लखनऊ कस्टम कमिश्नरेट को सप्ताह भर पहले 23 टन चीनी लहसुन को जब्त करने में एक और बड़ी सफलता मिली है। कस्टम विभाग के अफसरों के मुताबिक 21 सितंबर को मुखबिर से सूचना मिलने के बाद नेपाल से तस्करी कर दो ट्रकों में लाए जा रहे 230 क्विंटल यानी 23 टन चीनी लहसुन को पकड़ा है। बताया कि अफसरों ने फूलपुर-प्रयागराज हाईवे पर चीनी लहसुन से भरे ट्रक पकड़े। लखनऊ कस्टम (प्रिवेंशन) कमिश्नरेट की तरफ से बताया गया कि आयातित सूचना पर उन्हें कस्टम एक्ट 1962 के जरिये कार्रवाई करने का अधिकार है।
बॉर्डर पार से तस्करी रोकने की इनको है जिम्मेदारी
नेपाल बॉर्डर पर सीमा शुल्क न होने के चलते चीनी लहसुन नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल होता है। बॉर्डर पार से अवैध तरीके से कोई भी कृषि उत्पाद देश में दाखिल न हो इसके लिए पौध सरंक्षण निदेशालय की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी है। जांच कर सीज करने का अधिकार भी है। लेकिन, कस्टम व पौध संरक्षण विभाग की लापरवाही की वजह से नेपाल बॉर्डर से चीनी लहसुन की तस्करी जारी है।