मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा न केवल आध्यात्मिक उन्नयन का माध्यम है, बल्कि सामाजिक एकता, प्राचीन भारतीय विरासत और प्रकृति से संवाद का प्रतीक भी है। गोमती तट के किनारे लक्ष्मण मेला मैदान में छठ घाट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने छठ गीतों का आनंद लिया और भोजपुरिया सनेश स्मारिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने भोजपुरी में संबोधन देकर श्रद्धालुओं में उत्साह भर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ का कोई ड्रेनेज या सीवर गोमती में नहीं गिरेगा, पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती निर्मल व अविरल होगी।

सीएम योगी ने कहा कि छठ महापर्व विश्वभर में बसे भोजपुरी समाज को आत्मशुद्धि और लोक कल्याण के मार्ग से जोड़ता है। उन्होंने भोजपुरी में शुभकामनाएं देते हुए कहा, “छठ मईया के कृपा सबके ऊपर बनल रहे सभन लोगन के परिवार मे शुख समृद्धि और खुशहाली रहे एकरे खातिन हम छठी माई से आशीर्वाद माँगत आनी जितना लोग व्रत बाटें उहें खातिर हम छठी माई से आशीर्वाद माँगत बानी की सबके भगवती उनके सपने के पूरा करें।” 

लोकमंगल की कामना से जुड़ा है पर्व

सीएम योगी ने कहा कि यह पर्व भारत की प्राचीन विरासत को दर्शाता है और प्रकृति से संवाद सिखाता है। चार दिनों की कठिन साधना में बहनों की तपस्या को विशेष रूप से सराहते हुए उन्होंने कहा कि यह परिवार की सुख-समृद्धि के साथ लोकमंगल की कामना से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौराणिक काल से चली आ रही यह परंपरा अब पूरे भारत में फैल चुकी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी इलाकों तक लाखों श्रद्धालु जुड़ रहे हैं। उन्होंने गाजियाबाद और नोएडा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 50 हजार से एक लाख तक भक्त छठ मना रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि कोई मंदिर, सरोवर या तालाब ऐसा नहीं जहां श्रद्धालु न जुड़े हों। यह एकता न केवल सांस्कृतिक है, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता का भी संदेश देती है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ता है और सामाजिक बंधन मजबूत करता है।



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