
(लखनऊ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में राजकीय नलकूपों के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया गया।
*बैठक के मुख्य बिंदु:*
– *नलकूपों का जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण*: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नलकूपों की मरम्मत और आधुनिकीकरण कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इससे सिंचाई क्षमता बढ़ेगी और किसानों को लाभ होगा।
– *जल संरक्षण*: उन्होंने जल संसाधनों के संरक्षण और संचयन पर भी जोर दिया, ताकि भविष्य में जल संकट न हो।
– *विभागीय कार्यों की समीक्षा*: बैठक में सिंचाई विभाग के विभिन्न कार्यों की समीक्षा की गई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
*सरकार की मंशा:*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना और किसानों की आय बढ़ाना है। इसके लिए सरकार विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं पर काम कर रही है।
*आगे की कार्रवाई:*
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नलकूपों के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और इसकी प्रगति की नियमित समीक्षा करें। इससे सुनिश्चित होगा कि किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं मिल सकें और राज्य की कृषि उत्पादन में वृद्धि हो। प्रदेश के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नलकूपों का प्राथमिकता के आधार पर जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण किया जाए। इससे सिंचाई क्षमता बढ़ेगी, किसानों की लागत घटेगी और उन्हें आधुनिक तकनीक आधारित सुविधाएं उपलब्ध होंगी: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी नलकूपों के आधुनिकीकरण व जीर्णोद्धार कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता से कोई समझौता न किया जाए। नलकूपों के आधुनिकीकरण और जल संरक्षण की इन पहलों से आने वाले समय में राज्य का कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिलेगी: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी नलकूपों से पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जाए और वॉटर कंजर्वेशन की समुचित व्यवस्था की जाए। इस कार्य के लिए वर्षा का मौसम सर्वाधिक उपयुक्त है। इससे भूगर्भीय जल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी और डार्क जोन वाले क्षेत्रों में सुधार होगा: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सरयू नहर, बाण सागर तथा मध्य गंगा जैसी प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की कमियों को दूर किया जाए। इन परियोजनाओं के सशक्त क्रियान्वयन से ग्रामीण और शहरी इलाकों में पानी की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित होगा। तराई क्षेत्र के किसानों की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।जलाशयों को डीसिल्ट कर, उन्हें पुनर्जीवित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सके। कटान रोकने के लिए सिल्ट का उपयोग किया जाए: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इनमें नलकूपों का जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण, जल संरक्षण, और प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की कमियों को दूर करना शामिल है।
*मुख्य निर्देश:*
1. *नलकूपों का जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण*: नलकूपों की मरम्मत और आधुनिकीकरण से सिंचाई क्षमता बढ़ेगी, किसानों की लागत घटेगी, और उन्हें आधुनिक तकनीक आधारित सुविधाएं मिलेंगी।
2. *जल संरक्षण*: नलकूपों से पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जाए और वॉटर कंजर्वेशन की समुचित व्यवस्था की जाए।
3. *प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की कमियों को दूर करना*: सरयू नहर, बाण सागर, और मध्य गंगा जैसी प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की कमियों को दूर किया जाए ताकि ग्रामीण और शहरी इलाकों में पानी की समस्याओं का समाधान हो सके।
4. *तराई क्षेत्र के किसानों की समस्याओं पर विशेष ध्यान*: तराई क्षेत्र के किसानों की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाए और उनकी सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा किया जाए।
5. *जलाशयों का पुनर्जीवन*: जलाशयों को डीसिल्ट कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सके।
*इन पहलों के लाभ:*
– सिंचाई क्षमता में वृद्धि
– किसानों की लागत में कमी
– जल संरक्षण
– ग्रामीण और शहरी इलाकों में पानी की समस्याओं का समाधान
– तराई क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का समाधान
– जलाशयों का पुनर्जीवन
इन पहलों से उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ होगा और राज्य की कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।