{“_id”:”67873877a118628dad0832c0″,”slug”:”up-congress-started-preparations-for-2027-elections-this-social-base-will-be-seen-in-strengthening-the-organ-2025-01-15″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP Congress News: कांग्रेस ने शुरू कीं 2027 चुनाव की तैयारियां, संगठन को मजबूत बनाने में दिखेगा सामाजिक आधार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
कांग्रेस ने शुरू की चुनाव तैयारियां। – फोटो : अमर उजाला।
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Congress Party News: कांग्रेस संगठनात्मक ढांचे में पिछड़ों और दलितों पर फोकस करेगी। करीब 70 फीसदी पदों पर इस वर्ग को ही जिम्मेदारी मिलेगी। इसके जरिये कांग्रेस यह संदेश देगी कि वह आरक्षण सीमा बढ़ाने की हिमायती है। जिलाध्यक्षों के चयन में भी काफी हद तक इस फाॅर्मूले का असर दिखेगा। पांच स्तरीय संगठन तैयार करने के बाद कांग्रेस नए कलेवर और अंदाज में सियासी मैदान में उतरेगी। जनहित के मुद्दों को लेकर संघर्ष पहली प्राथमिकता रहेगी।
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एवं प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ छह जोन में सभी जिलों की अलग-अलग बैठक कर चुके हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदों के दावेदारों से भी बातचीत हुई है। हर स्तर पर फीडबैक लेने के बाद अब पांच स्तरीय संगठनात्मक ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश, जिला, मंडल, ब्लाॅक और वार्ड कमेटी गठित की जाएगी। इन कमेटियों में पिछड़े, अति पिछड़े, दलित व अति दलितों को मिलाकर करीब 70 फीसदी पद देने की तैयारी है।
मूल संगठन में करीब 15 फीसदी अल्पसंख्यक और 15 फीसदी सामान्य वर्ग के पदाधिकारी होंगे। इनका चयन करते समय उनकी सक्रियता और जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि संगठनात्मक ढांचे में अलग-अलग जातियों को तवज्जो देकर पार्टी की ओर से राहुल गांधी के संदेश की झलक दिखाने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार सामाजिक न्याय का मुद्दा उठाया जा रहा है। ऐसे में संगठनात्मक ढांचे में विभिन्न जातियों को भागीदारी देकर उनकी मांग को परिलक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि जोनवार बैठक में हर व्यक्ति से फीडबैक लिया गया है। कांग्रेस जाति, धर्म की पार्टी नहीं है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी निरंतर सामाजिक न्याय की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में कोशिश है कि संगठनात्मक ढांचे में भी सामाजिक न्याय दिखे।