
यूपी जीतने के लिए कांग्रेस की तैयारी।
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कांग्रेस विधानसभा चुनाव में नई रणनीति से मैदान में उतरेगी। वह प्रदेश की विधानसभा सीटों को तीन हिस्से में बांट कर सियासी तैयारी शुरू करने जा रही है। प्रथम वरीयता में 200 और द्वितीय वरीयता में 150 सीटें रखी हैं। अन्य सीटों को तृतीय वरीयता में रखकर जोर लगाएगी।
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन रहा। कांग्रेस को छह सीटें मिलीं तो सपा को 36 सीटें हासिल हुईं। विधानसभा उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें दीं। इससे खिन्न कांग्रेस ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। पार्टी ने भाजपा को हराने के लिए सपा को समर्थन देने का दावा किया, लेकिन सपा ने अपने मंच पर कांग्रेस नेताओं को नहीं बुलाया। नतीजा रहा कि सपा को सिर्फ दो और भाजपा को सात सीटें मिलीं।
विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन होगा या नहीं, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन दोनों दल नए सिरे से सियासी रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश की 200 सीटों को प्रथम वरीयता में रख रही है। इसके लिए पार्टी नेताओं से मशविरा कर सीटों का चयन करेगी। चयन का आधार पिछले पांच चुनाव में कांग्रेस को मिले वोट और अन्य दलों को मिले वोट का आकलन, वोट मिलने की वजह, संबंधित सीट पर मौजूदा जातिगत समीकरण का अध्ययन किया जाएगा। कोशिश होगी कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग की बहुलता वाली सीटों को पहली वरीयता में रखा जाए। इसके बाद द्वितीय वरीयता के लिए सीटों का चयन किया जाएगा।