अकबरपुर कोतवाली में तैनात एक सिपाही ने मकान मालकिन के सहयोग से दलित महिला को बेहोश कर दुष्कर्म किया। बाद में उसे धमकाकर कई बार शारीरिक शोषण किया। इसकी जानकारी होने पर महिला के पति ने भी उसके साथ रहने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने मामले की शिकायत एसपी समेत अन्य अधिकारियों से क, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने प्रतापगढ़ के सिपाही व एक महिला के विरुद्ध दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
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जलालपुर की रहने वाली पीड़िता अकबरपुर के एक मोहल्ले में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसी मकान में प्रतापगढ़ निवासी सिपाही राजेश यादव भी किराएदार था। पीड़िता का आरोप है कि मकान मालकिन कमलेश यादव की मदद से सिपाही ने उसका मोबाइल नंबर हासिल किया और अश्लील संदेश भेजकर परेशान करने लगा।
पीड़िता के अनुसार एक अगस्त 2024 को सिपाही खाना लेकर उसके कमरे में आ गया। पीड़िता ने खाना खाने से मना करते हुए सिपाही के कमरे में आने का विरोध किया। इस बीच मकान मालकिन भी मौके पर आ गई और उनके दबाव में खाना खाया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। होश आने पर उसने खुद को निर्वस्त्र पाया और आरोपी सिपाही भी वहीं मौजूद था। इसके बाद सिपाही ने पीड़िता के पति को बताने की धमकी देकर कई बार पीड़िता का शारीरिक शोषण किया। विरोध करने पर आरोपी ने पीड़िता के पति को फोन कर सब कुछ बता दिया और उस पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाया। इसके बाद पति ने भी उसे छोड़ दिया।
पीड़िता ने इसकी शिकायत 19 सितंबर को तहसील दिवस, 22 नवंबर को राज्य महिला आयोग से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद 18 दिसंबर 2024 को एसपी से मिलकर पूरे प्रकरण की शिकायत की जिसके बाद आरोपी सिपाही सुलह समझौता के लिए दबाव बनाते हुए धमकाने लगा। इस पर पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट के आदेश पर शहर कोतवाली में सिपाही और मकान मालकिन दोनों के खिलाफ दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट समेत तमाम धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर श्रीनिवास पांडेय ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।