UP: Disputes over ancestral property will end, will get freedom from tehsil-court rounds, preparation to bring

सीएम योगी के निर्देश पर हो रहा है बदलाव
– फोटो : अमर उजाला

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 पैतृक संपत्ति से जुड़े विवादों को हमेशा के लिए खत्म करने पर मंथन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोगों की सहूलियत और कचहरी की भागदौड़ से बचाने के लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग प्रस्ताव बना रहा है। प्रस्ताव पास होने पर कम से कम यूपी में ही एक लाख से ज्यादा संपत्ति के विवाद एक झटके में खत्म हो जाएंगे।

पैतृक संपत्ति के सुविधाजनक और न्यूनतम शुल्क में बंटवारे के लिए स्टांप एवं पंजीयन के नियम 45 व 48 में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत चार या इससे ज्यादा की पीढि्यों की स्वामित्व वाली संपत्ति के सर्किल रेट घटाकर स्टांप शुल्क को न्यूनतम या फिक्स किया जा सकता है। वर्तमान में पैतृक संपत्ति के बंटवारे के मामले में बाजार दर पर रजिस्ट्री शुल्क में केवल 30 फीसदी छूट मिलती है। यानी किसी पैतृक संपत्ति की कीमत सर्किल रेट के हिसाब से दस करोड़ रुपये है तो बाजार पर रजिस्ट्री कराने पर 70 लाख रुपये स्टांप लगेगा। इस पर 30 फीसदी की छूट के बाद भी करीब 50 लाख रुपये स्टांप के देने होंगे। भारी भरकम स्टांप की वजह से पैतृक संपत्ति के विवाद खत्म नहीं होते।

पैतृक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया बेहद आसान करने की तैयारी

पैतृक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया वर्तमान में काफी जटिल है। तहसील स्तर पर वरासत रजिस्टर बनवाना चुनौती है। सभी साझेदारों का एक साथ आना मुश्किल होता है। आ भी गए तो तहसीलदार का भी उस समय उपलब्ध होना जरूरी है। वरासत में नाम दर्ज कराने में ही काफी समय लग जाता है। इसके बाद भारी भरकम स्टांप शुल्क की वजह से आपस में विवाद इसलिए हो जाते हैं कि कौन इसे अदा करे। 90 फीसदी मामलों में प्रापर्टी का उपयोग न करने वाले या बाहर रहने वाले साझेदार इसी आधार पर स्टांप शुल्क अदा करने से इनकार कर देते हैं। 

आखिरकार मामला अदालत चला जाता है, जहां सिविल से जुड़े विवाद खत्म होने में दशक तक लग जाते हैं। अब ये सारे झंझट खत्म कर गिफ्ट डीड की तरह न्यूनतम शुल्क निर्धारित करने पर सरकार विचार कर रही है। इसके तहत पैतृक संपत्ति से जुड़े सभी लोग एक साथ रजिस्ट्री आफिस आएंगे। शपथपत्र के साथ मामूली शुल्क भरेंगे। कैबिनेट में इस प्रस्ताव के पास होने के बाद महज दस मिनट में पैतृक संपत्ति के विवाद खत्म हो जाएंगे। गौरतलब है कि गिफ्ट डीड के अंतर्गत महज पांच हजार रुपये में रक्त संबंधों में संपत्ति दान करने का ऐतिहासिक फैसला राज्य सरकार ने लिया था।

दस मिनट में खत्म होगा विवाद 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टांप नियमों का लगातार सरलीकरण किया जा रहा है। परिवारों में सौहार्द्र और भाईचारा बना रहे, इसके लिए पैतृक संपत्ति के विवाद हमेशा के लिए खत्म करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत महज दस मिनट में मामूली शुल्क पर ऐसी संपत्ति के बंटवारे पर मंथन किया जा रहा है।-रवीन्द्र जायसवाल, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

 



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