इस्लामिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए गैरकानूनी तरीके से विदेश से फंडिंग जुटाने वाले संतकबीनगर के मौलाना शमशुल हुदा खां के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम-1999 (फेमा) के तहत जांच करेगा। ईडी शमशुल के खिलाफ संतकबीनगर के खलीलाबाद थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर फेमा का केस दर्ज करने की तैयारी में है। 

बता दें कि इस प्रकरण की जांच एटीएस ने की थी, जिसमें शमशुल द्वारा विदेश से करीब 4 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाने के सुराग मिले थे। फिलहाल उसके ब्रिटेन में होने की आशंका जताई जा रही है।

बता दें कि एटीएस की जांच में सामने आया था कि शमशुल ने वर्ष 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता ले ली थी और लगातार पाकिस्तान, अफ्रीकी देशों, आस्ट्रेलिया आदि जाकर इस्लाम धर्म का प्रचार (तकरीरें) कर रहा था। वह जम्मू-कश्मीर के कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में भी था। वह 12 जुलाई 1984 को मदरसा दारूल उलूम अहले, सुन्नत मदरसा अशरफिया मुबारकपुर आजमगढ़ में सहायक अध्यापक आलिया के पद पर नियुक्त हुआ था और वर्ष 2007 से ही ब्रिटेन में रह रहा था। 

वर्ष 2007 से 2017 तक बिना उसकी सेवा पुस्तिका की जांच किए प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि प्रदान की जाती रही और 1 अगस्त 2017 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान करते हुए पेंशन भी स्वीकृत कर दी गयी। उसके खिलाफ संतकबीनगर के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में फेमा एक्ट भी लगाया गया था, जिसकी जांच ईडी द्वारा की जाती है। इसी वजह से ईडी जल्द ही इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई करने की तैयारी में है।



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