
Halal Council of India
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
अवैध रूप से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर वसूली के खेल के मामले में एसटीएफ ने सोमवार को मुंबई से हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। इसमें काउंसिल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनरल सेक्रेटरी और ट्रेजरार शामिल हैं। आरोपियों से पूछताछ कर एसटीएफ ने कई अहम तथ्य जुटाए हैं।
ऐशबाग निवासी भाजपा के अवध क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार शर्मा ने 18 नवंबर को हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि जिन उत्पादों (खासकर शाकाहारी) में हलाल प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। वह भी हलाल प्रमाण पत्र ले रही है। ये पूरा फर्जीवाड़ा उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। मामले में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया समेत कई संस्थाओं को नामजद किया गया था। एसटीएफ डीएसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण की विवेचना कर पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब यूसुफ, उपाध्यक्ष मौलाना मुइदशीर सपाडिआ, जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद ताहिर जाकिर हुसैन चौहान और ट्रेजरार मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया गया है। सभी मुंबई के रहने वाले हैं।
गंभीर आरोप हैं
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे जन आस्था से खिलवाड़ कर एक समुदाय विशेष को प्रभावित करना है। ये भी आरोप है कि इसमें राष्ट्र विरोधी साजिश रचने और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने वाले लोग शामिल हैं। एसटीएफ सभी पहलुओं पर तफ्तीश कर रही है।
ये होता है हलाल प्रमाण पत्र
मुस्लिम धर्म के अनुसार हलाल का मतलब जायज होता है। खाद्य व सौंदर्य उत्पाद पर हलाल के प्रमाण पत्र का मतलब ये है कि ये उत्पाद जायज है। इसमें मुस्लिम लोगो के लिए जो हराम चीजे हैं वो इसमें नहीं है। जानकार बताते हैं कि मुस्लिम देशों में एक्सपोर्ट करने के लिए ये हलाल प्रमाण पत्र जरूरी होता है।
