एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की संयुक्त टीम ने प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी बिहार से इंजेक्शन मंगाते थे। उसमें मिलावट कर उसे आसपास के जिलों में सप्लाई करते थे। आरोपियों के पास से करीब 1.20 करोड़ रुपये कीमत की 5,87,880 मिलीलीटर ऑक्सीटोसिन बरामद की गई है।

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एसटीएफ में एएसपी अमित कुमार नागर के मुताबिक कई दिनों से तस्करी की सूचना मिल रही थी। जानकारी मिलने पर एफएसडीए की टीम के साथ बुद्धेश्वर चौराहे के पास मोहान रोड स्थित एक मकान में संचालित हनुमंत किराना एवं जनरल स्टोर पर छापा मारा गया। मौके से मायापुरम निवासी अनमोल पाल, सीतापुर के बिसवां निवासी खगेश्वर और मोहान रोड निवासी अवधेश पाल गिरफ्तार किए गए। आरोपियों के पास से एक मालवाहक, तीन मोबाइल फोन, 12 हजार रुपये, 180 मिलीलीटर वाली 800 खाली बोतलें एवं 2,396 भरी बोतलें, दो मिलीलीटर वाली 77,900 शीशियां, 136 पीस रबर कैप, 40 पीस एल्यूमिनियम कैप, तीन पैकेट नमक व अन्य सामान मिले हैं। आरोपी मकान में अवैध इंजेक्शन तैयार करते थे।

एफएसडीए के आयुक्त बृजेश सिंह व निरीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि आरोपियों का गिरोह लखनऊ व आसपास के जिलों में सक्रिय है। ये बिहार से उच्च क्षमता के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन तस्करों के जरिये पार्सल से मंगवाते थे। गुमराह करने के लिए इसे मिनरल वाटर बताते थे। इसके बाद मिलावट के साथ ही अपने हिसाब से अलग-अलग साइज की छोटी शीशी में इंजेक्शन तैयार करते थे।

जांच के लिए भेजा गया सैंपल

एसटीएफ के मुताबिक इंजेक्शन में मिलावट की आशंका के कारण सैंपल परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। आरोपियों के खिलाफ काकोरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी कई आरोपी ऑक्सीटोसिन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज जा चुके हैं।

जानिए क्या है ऑक्सीटोसिन

ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है जिसका उपयोग चिकित्सक प्रसव पीड़ा शुरू करने या जारी रखने तथा प्रसव के बाद रक्तस्राव को नियंत्रित करने में करते हैं। इसका उपयोग कभी-कभी स्तनपान के दौरान दूध के स्राव बढ़ाने में मदद के लिए भी किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के गजट में तथा औषधि एवं प्रसाधन नियमावली 1945 के नियम 105 के अंतर्गत ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के विक्रय को मात्र सिंगल यूनिट ब्लिस्टर पैक में ही वैध बताया गया है। अवैध रूप में इसका व्यापार करना जनमानस के लिए खतरनाक माना गया है।

किसान व डेयरी संचालक करते हैं दुरुपयोग

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का सर्वाधिक दुरुपयोग किसान और डेयरी संचालक करते हैं। किसान इसका दुरुपयोग सब्जियों को कम समय में विकसित करने के लिए करते हैं। वहीं, डेयरी संचालक पशुओं का ज्यादा दूध निकालने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इंजेक्शन लगाने पर दुधारू पशु सुन्न हो जाते हैं, जिसके बाद उनका सारा दूध निकाल लिया जाता है।

इंजेक्शन के दुष्प्रभाव

ऑक्सीटोसिन के प्रभाव वाली सब्जियों और दूध के नियमित सेवन से शरीर में कई तरह के प्रभाव होते हैं। जी मिचलाना और उल्टी महसूस होना सबसे सामान्य है। इससे एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं जैसे त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, पित्ती, चेहरे, होंठ, जीभ या गले में सूजन की समस्या हो सकती है। तेज या अनियमित दिल की धड़कन, चक्कर आना, बेहोशी या हल्का महसूस होना, सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी की परेशानी हो सकती है।

 



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