UP: Government approves Green Hydrogen policy, sets target of producing 10 lakh metric tons by 2028

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा
– फोटो : amar ujala

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प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इससे वर्ष 2028 तक सालाना 10 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के तहत पांच साल में उद्योग लगाने वालों को कई लाभ और प्रोत्साहन मिलेंगे। वहीं, करीब 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीनेडा नोडल एजेंसी होगी।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में ऊर्वरक, पेट्रोकेमिकल और स्टील प्लांट आदि में होता है। अभी तक बिजली व गैस आधारित तकनीक से हाइड्रोजन पैदा की जाती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। इसे ग्रीन हाइड्रोजन में बदलने की दिशा में काम शुरू हुआ है। ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी की अवधि पांच साल रखी गई है। इस दौरान लगने वाले उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक पूंजीगत खर्च पर सब्सिडी देंगे। पहले पांच उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट देंगे। उन्होंने बताया कि एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान होगा। इंट्रास्टेट बिजली भेजने पर जो शुल्क लगते हैं, उस पर 100 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। वहीं अन्य राज्यों में मंगाने पर भी 100 प्रतिशत तक बिलिंग व ट्रांसमिशन शुल्क में छूट मिलेगी। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।

30 वर्ष के लिए लीज पर मिलेगी भूमि

ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 30 वर्ष अवधि के लिए ग्राम समाज, सरकारी भूमि पर लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लीज का मूल्य एक रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा तथा निजी निवेशकों के लिए यह 15 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा। यह भूमि अहस्तांतरणीय होगी और यदि आवंटन होने के तीन वर्ष की समयावधि में भूमि ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए उपयोग में नहीं लाई जाती है तो भूमि वापस ले ली जाएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत यूपीनेडा द्वारा सिंगल विंडो पोर्टल को निवेश मित्र से इंटरलिंक किया जाएगा।

स्टार्टअप को मिलेगा प्रोत्साहन

ग्रीन हाइड्रोजन और इसके उत्पादों की उत्पादन लागत घटाने व नवीनतम तकनीकी विकास के लिए दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। शैक्षणिक संस्थानों को 100 प्रतिशत एक मुश्त वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक दिया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम वित्तीय प्रोत्साहन 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष प्रति स्टार्टअप पांच वर्षों तक दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त इंक्यूबेटर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।                                                

पंजीकरण एवं स्टांप शुल्क में मिलेगी छूट

लखनऊ। नयवेली उत्तर प्रदेश पावर लि. को बंधक पत्र के पंजीकरण व स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी। इसे मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। यह कंपनी एनएलसी इंडिया और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में कार्य कर रही है। इसका कोयला आधारित सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट कानपुर के घाटमपुर में है। इसकी एक यूनिट से उत्पादन शुरू कर दिया गया है। यहां 660 मेगावाट की तीन इकाइयां हैं।



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