
प्रतीकात्मक तस्वीर
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स्टेट जीएसटी के सचल दल और एसआईबी टीमों को लेकर आ रही शिकायतों पर शासन गंभीर हुआ है। जांच टीमों को आदेश दिए गए हैं कि छापों के दौरान एक-एक जांच का पंचनामा भरा जाएगा। सत्यापन शीट बनाई जाएगी, बाॅडीवार्न कैमरे पहनने होंगे। ऐसा न करने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
विशेष अनुसंधान शाखाओं द्वारा जांच की कार्यप्रणाली के लिए स्टेट जीएसटी मैन्युअल तैयार किया गया है। जांच के दौरान इस प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इसकी जांच में पाया गया कि बड़ी संख्या में एसआईबी टीम न तो मैन्युअल की प्रक्रिया का पालन कर रही है और न ही मुख्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय ने की और जांच में कर चोरी से संबंधित कमजोर पैरवी के चलते पूरी कार्यवाही को ही निरस्त कर जांच समाप्त कर दी।
शासन ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए नए सिरे से एसआईबी को निर्देश दिए हैं। कहा है कि छापों से पहले डाटा एनालिसिस की जाए, जिसमें टैक्स चोरी के पुख्ता प्रमाण जुटाने के साथ ही कर चोरी के मजबूत आधार को तथ्यात्मक रूप से बताना होगा। इसके बाद संयुक्त आयुक्त (एसआईबी) इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे।जिसमें तथ्यों के साथ बताया जाएगा कि आखिर टैक्स चोरी का आधार क्या है। इसके बाद ही फार्म जीएसटी आईएनएस-01 (छापे या जांच की अनुमति) को जारी किया जाएगा।
प्रक्रिया के लिए 90 दिन का समय तय
जांच के दौरान फार्म में दर्ज टैक्स चोरी के बिंदुओं के आधार पर परीक्षण किया जाएगा। टीम ये भी दर्ज करेगी कि फार्म में दर्ज टैक्स चोरी के बिंदुओं में से कितने बिंदु भौतिक परीक्षण के दौरान सही पाए गए। परीक्षण के बाद पंचनामा और भौतिक सत्यापन रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के लिए 90 दिन का समय तय किया गया है।
