UP: Half of winter has passed but the price of green peas has not come below 80, there is no arrival in the ma

हरी मटर के दाम।
– फोटो : अमर उजाला।

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आधी सर्दी बीत चुकी है, मगर हरी मटर के दाम हैं कि नीचे नहीं आ रहे हैं। सहालगों में 100 रुपये प्रति किलो तक बिक चुकी हरी मटर अब फिर से रंग दिखाने लगी है। दो दिन पहले 60 रुपये प्रति किलो बिकी हरी मटर के दाम अब फिर से 80 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। कृषि विशेषज्ञ इसके पीछे कम उत्पादन व शिफ्ट हुए मौसम को बड़ी वजह बता रहे हैं।

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सहालग खत्म हो गई। पर्यात्त सर्दियां भी आ गईं, लेकिन हरी मटर, फूल गोभी व हरी सब्जियां अभी महंगी ही हैं। टमाटर (40) व आलू (25) के रेट जरूर कम हुए हैं। 15 दिसंबर तक सहालग की वजह से हरी मटर 100 रुपये किलो तो फूल गोभी 40 रुपये प्रति पीस बिक चुकी है। 

सहालग के बाद रेट गिरना शुरू हुए तो हरी मटर का बाजार भाव गिरते गिरते 60 रुपये तक पहुंचा दो दिन में ही फिर से इसमें 20 रुपये का उछाल दिखा। सब्जी विक्रेता सलीम व छोटे का कहना है कि रविवार का थोक भाव 70 रुपये किलो रहा, जिससे फिर से मटर 80 रुपये प्रति किलो हो गई है। जबकि, 40 रुपये तक बिकी फूल गोभी 20-30 रुपये के बीच में मिल रही है।

कम उत्पादन व मौसम शिफ्ट होने से बढ़ी महंगाई

चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है कि मौसम शिफ्ट होने से उत्पादन कम हुआ है। लखनऊ में हरी मटर महोबा, उरई, जालौन व पश्चिमी यूपी से आ रही है। वहां भी ओलावृष्टि से फसल नष्ट हुई है। लखनऊ में हरी मटर का रकबा न के बराबर है। पहला बीज भी महंगा रहा दूसरा आधे दिसंबर तक तेज धूप से हरी मटर की पैदावार भी प्रभावित रही। यही हाल फूल गोभी का भी रहा। अगैती की फसल आई थी, लेकिन बाद में मौसम बदलने पर दोबारा नर्सरी डाली गई है। अगली फसल देर से आएगी। इसलिए गोभी भी महंगी है। आजमगढ़ से टमाटर खूब आ रहा है, इसलिए इसके दाम कम हैं। अन्य हरी सब्जियों पर कोई खास फर्क नहीं आया है।



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