UP: Hours of power cut fixed in the state, there will be six hours cut in villages and two and a half hours in

बिजली
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में बिजली आपूर्ति के मामले में फिर से रोस्टर प्रणाली लागू कर दी गई है। दो पहले रोस्टर खत्म कर 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया गया था। अब नए रोस्टर के तहत ग्रामीण इलाके में छह घंटे की कटौती होगी। इसी तरह तहसील मुख्यालय और नगर पंचायत मुख्यालय में ढाई घंटे और बुंदेलखंड में चार घंटे कटौती की जाएगी। हालांकि विभागीय अधिकारी इसका कोई कारण नहीं बता रहे हैं।

प्रदेश में अप्रैल माह में बिजली संबंधित रोस्टर खत्म करने की घोषणा की गई। प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया गया। यह अलग बात है कि लोकल फाल्ट के नाम पर तब भी विभिन्न इलाके में कटौती जारी रही। अब फिर से रोस्टर प्रणाली लागू कर दी गई है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक एक जुलाई से ग्रामीण इलाके में सुबह- शाम मिलाकर करीब छह घंटे की कटौती की जा रही है। बुंदेलखंड में चार घंटे, तहसील और नगर पंचायत मुख्यालय में ढाई घंटे की कटौती की जाएगी। कटौती का वक्त हर वितरण निगम में जिलेवार अलग- अलग तय किया गया है। यह व्यवस्था 31 जुलाई तक के लिए बनाई गई है।

24 घंटे बिजली नहीं तो निगम दें मुआवजा- वर्मा

 प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर नए सिरे से रोस्टर प्रणाली लागू करने का विरोध शुरू हो गयाहै। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 की धारा 10 के तहत सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिलने का अधिकार है। 24 घंटे बिजली नहीं देने की स्थिति में सभी विद्युत वितरण निगमों को मुआवजा देना होगा। अब मुआवजा के लिए लड़ाई तेज की जाएगी।

देश के किसी भी राज्य में अब रोस्टर व्यवस्था लागू नहीं है। प्रदेश में भी रोस्टर व्यवस्था खत्म की गई थी, लेकिन जुलाई माह में फिर लागू कर दिया गया है। अब ग्रामीण को 18 घंटे, नगर पंचायत व तहसील मुख्यालय को 21.30 घंटे बिजली देने का आदेश जारी किया गया है। इसमें लोकल फाल्ट पहले की तरह बना रहेगा। यानी ग्रामीण इलाके को बमुश्किल 10 से 12 घंटे बिजली मिलेगी। अब तक का इतिहास तो यही रहा है। क्योंकि लोकल फाल्ट के नाम पर लगातार कटौती का दौर जारी रहता है। 

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत कानून के तहत बिजली कटौती के एवज में उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने क लिए संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की है कि उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए रोस्टर प्रणाली खत्म किया जाए। क्योंकि प्रदेश में बिजली उत्पादन की कमी नहीं है।



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